Press ESC to close

Or check our Popular Categories...

Freedom Struggle

23   Articles
23
4 Min Read
658

चम्पारण सत्याग्रह (1917 ई०) गांधी जी ने सत्याग्रह का पहला प्रयोग बिहार के चंपारण में किया। चंपारण में यूरोपीय बागान मालिक किसानों से जबरन नील की खेती करवाते थे तथा उसका 3/20वाँ हिस्सा अधिशेष के रूप में वसूलते थे। चंपारण…

Continue Reading
8 Min Read
968

बंगाल की अनुशीलन समिति पहली क्रांतिकारी संस्था थी। इसकी स्थापना बारीन्द्र कुमार घोष ने 1907 ई० में की थी ! भवानी मंदिर नामक पुस्तक में क्रांतिकारी संस्थाओं की स्थापना से संबंधित जानकारी प्राप्त होती है। क्रांतिकारियों ने वर्तमान रणनीति (पुस्तक),…

Continue Reading
3 Min Read
1968

जून, 1914 में तिलक की स्वदेश वापसी के बाद राष्ट्रवादी तत्व पुनः सक्रिय हो उठे। 28 अप्रैल 1916 को बाल गंगाधर तिलक ने पूना में इंडियन होमरूल लीग की स्थापना की। तिलक द्वारा स्थापित होमरूल लीग में जोसेफ बैपटिस्टा (अध्यक्ष),…

Continue Reading
2 Min Read
1948

1914 ई० में मांडले जेल से रिहा होने के पश्चात बाल गंगाधर तिलक कांग्रेस के दोनों गुटों तथा कांग्रेस-मुस्लिम लीग समझौता कराने के प्रयास में जुट गये। कांग्रेस के दोनों घड़े पुनः एक हो गये तथा कांग्रेस एवं मुस्लिम लीग…

Continue Reading
4 Min Read
3085

अखिल भारत हिन्दू महासभा भारत का एक राजनीतिक दल है। जिसकी स्थापना 9 अप्रैल, 1915 ई० को हुई। इसकी स्थापना पंडित मदन मोहन मालवीय ने हरिद्वार (प्रयाग) के कुंभ मेले में की। इस संस्था में बी०एस०मुंजे एवं लाला लाजपतराय जैसे…

Continue Reading
2 Min Read
895

1911 ई० में एक भव्य दरबार का आयोजन ‘दिल्ली’ में इंगलैंड के सम्राट जॉर्ज-V एवं महारानी मेरी के स्वागत के लिए आयोजित किया गया। इस दरबार का आयोजन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड हार्डिज ने करवाया। इस दरबार में बंगाल-विभाजन का निर्णय…

Continue Reading
5 Min Read
1970

तत्कालीन वायसराय ‘लॉर्ड मिंटो’ तथा इंडिया सचिव ‘मार्ले’ ने उदारवादियों को पुचकारने एवं हिंदू मुस्लिम संबंधों में कटुता उत्पन्न करने के उद्देश्य से इंडिया काउंसिल एक्ट-1909 पारित कराया। इस एक्ट के द्वारा प्रांतीय विधान मंडलों के आकार एवं शक्ति में…

Continue Reading
10 Min Read
403

रौलेट एक्ट भारत में राज कर रही ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में उभर रहे राष्ट्रीय आंदोलन को ख़त्म करने के उद्देश्य से वर्ष 1919 में कई कानून लागू किये गए थे इन्हीं कानूनों में से एक था, फरवरी 1919 में…

Continue Reading
2 Min Read
2538

सन 1907 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन सूरत में हुआ था जिसकी अध्यक्षता रास बिहारी घोष ने की थी। स्वराज शब्द को परिभाषित करने के सवाल पर उग्रवादियों एवं उदारवादियों में तीव्र मतभेद हो गये। उदारवादी इसका अर्थ औपनिवेशिक…

Continue Reading
1 Min Read
1254

कांग्रेस का बनारस अधिवेशन (Benaras Convention of Congress) 1905 ई० बनारस अधिवेशन में प्रिंस ऑफ वेल्स के 1906 ई० में संभावित भारत आगमन से संबंधित एक प्रस्ताव को उग्रवादियों के विरोध के बावजूद उदारवादियों ने पारित करा लिया। तिलक द्वारा…

Continue Reading
2 Min Read
4650

Calcutta Convention of Congress – 1906 ई० कुछ सबसे महत्वपूर्ण तथ्य जो हर बार परीक्षाओं में पूछे जाते हैं – कांग्रेस का कलकत्ता अधिवेशन 1906 ई. में कलकत्ता में सम्पन्न हुआ। उग्रवादी बाल गंगाधर तिलक को अध्यक्ष बनाना चाहते थे…

Continue Reading
2 Min Read
913

‘दयानंद सरस्वती’ द्वारा 1882 ई० में ‘गोरक्षिणी सभाओं’ का गठन किया गया। तब से 1893 ई० तक पश्चिम भारत में अनेक दंगे हुए। कांग्रेस के कई सदस्य इन गोरक्षिणी सभाओं के सदस्य थे जिनको अनुशासित करने में कांग्रेस विफल रही…

Continue Reading
4 Min Read
927

बंगाल का विभाजन (Partition of Bengal) 16 अक्टूबर, 1905 ई०; 19वीं शताबदी के अंत में बंगाल प्रांत में असम बिहार एवं उडीसा शामिल थे। उस काल में इसका क्षेत्रफल 189000 वर्ग मील था तथा इसकी जनसंख्या 8 करोड़ थी। प्रत्यक्ष…

Continue Reading
3 Min Read
279

द्वितीय चरण (1905-11 ई०) इस काल को उग्रवादी राष्ट्रीयता का युग कहा जाता है ! 1892 ई० में पारित ‘इंडिया काउंसिल एक्ट’ सुधारों के दृष्टिकोण से अपूर्ण एवं अपर्याप्त थे। 1876 ई० से 1900 ई० तक पड़े 18 अकालों के…

Continue Reading
2 Min Read
1274

प्रथम चरण (1885-1905 ई०) इस काल को उदारवादी राष्ट्रीयता का युग भी कहा गया है ! कांग्रेस की स्थापना के बाद, अगले 20 वर्षों तक उसको नीति अत्यंत उदार थी। इसे बाद के उग्रपंथी नेताओं ने राजनीतिक भिक्षावृत्ति (Political Mendicancy) कहा।…

Continue Reading
3 Min Read
1196

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 28 दिसंबर, 1885 ई० को 12 बजे दिन में बंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुई। इसमें पहले अधिवेशन में कुल 72 प्रतिनिधि शामिल हुए। इसकी स्थापना के…

Continue Reading