स्वामी जी अपने आश्रम में एक छोटे पालतू कुत्ते के साथ टहल रहे थे।

तभी एक युवक उनके पास आया और बोलने लगा "मेरा कुछ नहीं हो सकता"

मैं असफल हूँ, मुझसे कुछ नहीं हो पाता 

स्वामी जी ने उसकी बात पर ज़्यादा ध्यान ना देते हुए उससे कहा जाओ पहले मेरा कुत्ता टहला के लाओ फिर बात करते हैं 

युवक स्वामी जी की बात मान कर कुत्ता घुमाने निकाल गया 

जब वो वापस आया तो कुत्ता ज़ोर ज़ोर से हाँफ रहा था, जबकि युवक सामान्य था 

ये कुत्ता इतना क्यू हाँफ रहा है और तुम क्यूँ नहीं थके जबकि दोनों बराबर दूरी चलकर आए ?

ये हर किसी के पीछे भाग रहा था , युवक ने जवाद दिया 

यही तुम्हारे भी सवाल का जवाब है, ज़्यादा लोगों को फॉलो करोगे तो ठुमरी भी सारी शक्ति ऐसे ही चली जाएगी 

युवक को अपनी गलती समझ आ गयी,और वो चल दिया अपनी गलती ठीक करने 

तो आज की ज्ञान की बात में, हमें बहुत ज़्यादा लोगों को भी फॉलो नहीं करना चाहिए सफलता के लिए, इससे तो हमारी सारी शक्ति उनकी सुनने और फॉलो करने में ही चली जाएगी