गोल गुंबद

  • भारत में कई ऐसे मकबरे हैं जो विश्व प्रसिद्ध हैं। उनमें से गोल गुंबद भारत का सबसे बड़ा और विश्र्व का दूसरा सबसे बड़ा गुंबद(मकबरा) है।
  • यह एक मकबरे का गुंबद है।
  • यह अद्वितीय मकबरा आदिलशाही वंश के सांतवे शासक मुहम्मद आदिल शाह का है जो दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक के बीजापुर शहर में स्थित है ।
  • इस विशाल गुंबद का व्यास 44 मीटर और ऊंचाई 51 मीटर है।
  • विशाल गुंबद के सहारे के लिए एक भी खंभा नहीं है।
  • गुंबद को फारसी वास्तुकार दाबुल के याकूत ने 1626 ईस्वी में बनाया था।
  • गुंबद के निर्माण में तीस वर्ष लगे थे
  • विशाल गुंबद के मुख्य हॉल के भीतर चारों ओर सीढिय़ों से घिरा हुआ एक चौकोर चबूतरा बना हुआ है।
  • इमारत के चारों कोनों से जुड़ी चार मीनारें हैं।
  • बीजापुर के सुल्तान मुहम्मद आदिल शाह की कब्र इस चबूतरे के मध्य में है।
  • मकबरे के गुंबद की आंतरिक परिधि पर एक गोलाकार गलियारा बना हुआ है।
  • इस गुंबद को अंग्रेजों ने ‘व्हिसपरिंग गैलरी’ नाम दिया था, क्योंकि इस गलियारे के एक तरफ फुसफुसा कर बोला गया शब्द भी दूसरी तरफ तक स्पष्ट सुनाई देता है।
  • दरवाजों पर सागौन की लकड़ी से किया हुआ महीन नक्काशीदार काम है।
  • इस इमारत की सबसे बड़ी बॉलकनी को ‘च्हमसा’ कहा जाता है।
  • गहरे भूरे बेसाल्ट पत्थर से बना मकबरा दक्षिण भारतीय-मुगल वास्तुकला का अद्भुत नमूना है, जो द्रविड़ वास्तुशैली से घुल-मिल गया है।
  • यह अष्टकोणीय इमारत नफ़ीस नक्काशी फूल-बूटे, आलों-मेहराबों से सजी हुई है।
  • पूरे बीजापुर शहर का नजारा गोल गुंबद के ऊपर जाकर लिया जा सकता है।

NOTE-हाल में भारी बारिश के चलते गोल गुंबद का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके मरम्मत के लिए भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने जिम्मेदारी ली है जिसके बाद यह सुर्खियों में आ गया है।

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