साहित्यिक स्रोतों से सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले 20 सवाल
भगवान् श्रीकृष्ण का उल्लेख सबसे पहले छान्दोग्यपनिषद में आया है ! सत्यमेव जयते मुन्डोकपनिषद से लिया गया है इसी में यज्ञ की तुलना दूटी हुई नाव से की गयी है … आगे पढ़ें ..
भगवान् श्रीकृष्ण का उल्लेख सबसे पहले छान्दोग्यपनिषद में आया है ! सत्यमेव जयते मुन्डोकपनिषद से लिया गया है इसी में यज्ञ की तुलना दूटी हुई नाव से की गयी है … आगे पढ़ें ..
प्राचीन भारतीय इतिहास के सन्दर्भ में स्रोतों को कितने भागों में विभक्त किया जा सकता है। – साहित्यिक स्रोत, पुरातात्विक स्त्रोत व विदेशी विवरण ऐतिहासिक दृष्टि पर आधारित पहला भारतीय … आगे पढ़ें ..
वैदिक संस्कृति वैदिक संस्कृति को दो भागों में विभाजित कर सकते है ऋग्वैदिक काल (1500-1000BC) उत्तर वैदिककाल (1000-600BC) ऋग्वैदिक काल ऋग्वैदिक काल में कबीलाई समाज था। ऋग्वैदिक काल में महिलाओं … आगे पढ़ें ..
हर्षवर्द्धन की मृत्यु के बाद भारत में तीन प्रमुख शक्तियों पाल, प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट वंशों का उदय हुआ, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में लंबे समय तक शासन किया। कन्नौज पर प्रभुत्व … आगे पढ़ें ..
ऐसा माना जाता है कि राजपूत शब्द एक जाति या वर्ण-विशेष के लिए इस देश में मुसलमानों के आने के बाद प्रचलित हुआ। ‘राजपूत’ या ‘रजपूत’ शब्द संस्कृत के राजपुत्र शब्द … आगे पढ़ें ..
पाल वंश (Pal Dynasty) खलीमपुर ताम्र-पत्र अभिलेख से ज्ञात होता है कि 750 ई० में बंगाल की जनता ने अराजकता से त्रस्त होकर स्वयं गोपाल को अपना राजा चुना। गोपाल … आगे पढ़ें ..
उपलब्ध संसाधन संकेत करते हैं कि दक्षिण भारत, मुख्यत: तमिलनाडु एवं केरल में प्रथम सहस्त्राब्दी में महापाषाणयुगीन लोग रहते थे। पल्लव वंश (Pallav Dynesty) राष्ट्रकूट वंश (RashtrakutDynasty) चालुक्य वंश (CHALUKYADYNASTY) … आगे पढ़ें ..
गुप्त वंश के पतन के पश्चात् पुष्यभूति ने थानेश्वर में एक नवीन राजवंश की स्थापना की जिसे ‘पुष्यभूति वंश’ कहा गया। हर्षवर्द्धन (इस राजवंश का सबसे प्रतापी शासक) के लेखों में उसके केवल चार पूर्वजों नरवर्द्धन, राज्यवर्द्धन, आदित्यवर्द्धन एवं प्रभाकरवर्द्धन का उल्लेख मिलता है।
हूण लोग मंगोल प्रजाति के खानाबदोश जंगलियों के एक समूह थे। यह युद्धप्रिय एवं बर्बर जाति आरंभ में चीन के पड़ोस में निवास करती थी।
गुप्त काल (GUPTA PERIOD) गुप्तकालीन संस्कृति प्रशासन (Administration) गुप्तकालीन केंद्रीय नौकरशाही गुप्तकालीन केंद्रीय नौकरशाही के विषय में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। परंतु कुछ प्रमुख कर्मचारियों के पदों का … आगे पढ़ें ..
मौर्योत्तर काल (POST-MAURYA PERIOD) ब्राह्मण साम्राज्य (BRAHMIN EMPIRE) शुंग वंश (Sunga Dynasty) कण्व वंश (Kanav Dynasty) सातवाहन वंश वाकाटक वंश विदेशी आक्रमण हिन्द यूनानी (indo-greek) हिन्द-पार्थियन (Indo-Parthian) शक (Shakas) कुषाण … आगे पढ़ें ..
मौर्य कौन थे ? मौर्य वंश के इतिहास के स्रोत मौर्य वंश का इतिहास मौर्य वंश का शासन भारत में 137 वर्षों (321-187) तक रहा। इन वर्षों में कई शासक … आगे पढ़ें ..
ई० पू० छठी शताब्दी में भारतीय राजनीति में एक नया परिवर्तन दृष्टिगत होता है। वह है-अनेक शक्तिशाली राज्यों का विकास। अधिशेष उत्पादन, नियमित कर व्यवस्था ने राज्य संस्था को मजबूत … आगे पढ़ें ..
पश्चिमोत्तर भारत में ईरानी आक्रमण के समय भारत में विकेन्द्रीकरण एवं राजनीतिक अस्थिरता व्याप्त थी। राज्यों में परस्पर वैमनस्य एवं संघर्ष चल रहा था। जिस समय भारत में मगध के … आगे पढ़ें ..
भागवत् धर्म 6ठी‘ शताबदी ई०पू० में ब्राह्मणवाद एवं कर्मकांडीय जाटिलता के विरोध में इस धर्म का उदय हुआ, इस धर्म ने ब्राह्मणवाद में भक्ति एवं पूजा का समावेश करवाया प्रारंभ–‘महाभारत‘ … आगे पढ़ें ..
बौद्ध धर्म महत्मा बुद्ध के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाएं जन्म-563 ई० में कपिलवस्तु में (नेपाल की तराई में स्थित) मृत्यु-483 ई० में कुशीनारा में (देवरिया उ० प्र०) ज्ञान प्राप्ति -बोध गया। … आगे पढ़ें ..