- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरूआत की घोषणा मध्य प्रदेश के सीहोर में 18 फरवरी, 2016 को की थी।
- प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है।
- इसका उद्देश्य प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली फसल के नुकसान से पीड़ित किसानों को बीमा के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- इसमें प्रीमियम पर दी जाने वाली सब्सिडी में राज्यों और केंद्र सरकार के बीच की हिस्सेदारी 50-50% है, जबकि पूर्वोत्तर भारत में यह हिस्सेदारी 90:10 के अनुपात में है।
- अब तक इसके तहत 36 करोड़ से अधिक किसानों का बीमा किया गया है।
- सरकार के मुताबिक 4 फरवरी, 2022 तक इस योजना के तहत 1,07,059 करोड़ रुपये से अधिक के दावों का भुगतान किया जा चुका है।
- इस योजना की कुछ प्रमुख विशेषताओं में PMFBY के राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल (NCIP), किसानों के त्वरित नामांकन के लिए एक फसल बीमा मोबाइल एप्प, एक सब्सिडी रिलीज मॉड्यूल, NCIP के माध्यम से किसान प्रीमियम का प्रेषण इत्यादि शामिल है।
- यह योजना कमजोर किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करने में सक्षम रही है, क्योंकि इसमें नामांकित लगभग 85 प्रतिशत किसान छोटे और सीमांत किसान हैं।
- भारत सरकार किसानों को फसल बीमा पॉलिसी देने के लिए एक डोर-टू-डोर अभियान शुरू करने वाली है जिसका नाम है ‘मेरी पॉलिसी मेरे हाथ’ अभियान।
- इसके तहत उन सभी राज्यों में जहां यह लागू है किसानों को फसल बीमा पॉलिसी प्रदान करने के लिए डोर-टू-डोर एक वितरण अभियान चलाया जाएगा।
- अभियान का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी नीतियों, भूमि अभिलेखों, दावे की प्रक्रिया और शिकायत निवारण के बारे में संपूर्ण जानकारी से अच्छी तरह अवगत हों।
- साल 2020 में इस योजना में बदलाव के तहत किसान किसी घटना के 72 घंटे के अंदर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- इसकी सूचना किसान अपनी फसल बीमा ऐप पर भी दे सकते हैं, इसके अलावा सीएससी केंद्र या निकटतम कृषि अधिकारी के पास भी जा सकते हैं।
- किसानों के बैंक खातों में नुकसान का ऑनलाइन भुगतान करने की व्यवस्था की गई है।