ऑपरेशन गंगा

  • भारत ने ‘ऑपरेशन गंगा’ नामक एक बहु-आयामी निकासी योजना भी शुरू की।
  • 24 फरवरी से यूक्रेन के हवाई क्षेत्र को नागरिक विमान संचालन के लिए बंद करने के बाद निकासी अभियान शुरू हुआ।
  • भारत ने 26 फरवरी को ऑपरेशन गंगा के तहत फंसे हुए नागरिकों को निकालना शुरू किया, क्योंकि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अपना आक्रमण तेज कर दिया था। 
  • 27 फरवरी, 2022 को विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए 24×7 नियंत्रण केंद्र स्थापित किए। 
  • पोलैंड, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाक गणराज्य के साथ सीमा पार करने वाले बिंदुओं के माध्यम से भारतीय नागरिकों को निकाला जाएगा।
  • मंत्रालय ने एक समर्पित ट्विटर हैंडल ‘OpGanga’ को एक्टिवेट किया है।
  •  ऑपरेशन गंगा के तहत करीब 15,000 फंसे भारतीयों को यूक्रेन से निकाला जाएगा।
  • यूक्रेन ने जारी तनाव के कारण अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। 
  • इस प्रकार, भारतीय निकासी उड़ानें पड़ोसी देशों जैसे हंगरी और रोमानिया से संचालित हो रही हैं। 
  • सरकार हंगरी, रोमानिया, स्लोवाकिया और पोलैंड को पार करने वाली अपनी सीमाओं से फंसे भारतीयों को निकालने में भी मदद कर रही है। 

भारत द्वारा चलाए गए अन्य निकासी अभियान

वंदे भारत (2020)

  • कोरोनावायरस के कारण वैश्विक यात्रा पर प्रतिबंध होने से विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने हेतु ‘वंदे भारत मिशन’ चलाया गया है।
  • इस मिशन के तहत कई चरणों में 30 अप्रैल, 2021 तक लगभग 60 लाख भारतीयों को वापस लाया गया।

ऑपरेशन समुद् सेतु (2020)

  • यह कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय नागरिकों को विदेशों से घर वापस लाने के राष्ट्रीय प्रयास के हिस्से के रूप में एक नौसैनिक अभियान था।
  • इसके तहत 3,992 भारतीय नागरिकों को समुद्र के रास्ते उनकी मातृभूमि में सफलतापूर्वक वापस लाया गया।
  • भारतीय नौसेना के जहाज़ जलाश्व (लैंडिंग प्लेटफॉर्म डॉक), ऐरावत, शार्दुल तथा मगर (लैंडिंग शिप टैंक) ने इस ऑपरेशन में भाग लिया, जो 55 दिनों तक चला और इसमें समुद्र द्वारा 23,000 किमी. से अधिक की यात्रा शामिल थी।

ब्रसेल्स से निकासी (2016)

  • मार्च 2016 में बेल्जियम ज़ेवेंटेम में ब्रसेल्स हवाई अड्डे पर तथा मध्य ब्रुसेल्स में मालबीक मेट्रो स्टेशन पर एक आतंकवादी हमले की चपेट में आ गया था।
  • इसके तहत जेट एयरवेज की फ्लाइट से 28 क्रू मेंबर्स समेत कुल 242 भारतीयों को भारत लाया गया।

ऑपरेशन राहत (2015)

  • वर्ष 2015 के यमन संकट के दौरान भारतीय सशस्त्र बल द्वारा शुरू किये गए ऑपरेशन राहत के अंतर्गत यमन से 41 देशों के 960 विदेशी नागरिकों के साथ 4640 से अधिक भारतीय नागरिकों को निकाला गया था।
  • यह अभियान वायु मार्ग और समुद्र मार्ग दोनों से संचालित किया गया था।

ऑपरेशन मैत्री (2015)

  • वर्ष 2015 में नेपाल में आए भूकंप में बचाव और राहत अभियान के रूप में ऑपरेशन मैत्री का संचालन भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किया गया था।
  • भारतीय सशस्त्र बलों ने लगभग 5,188 लोगों को निकाला था, जबकि लगभग 785 विदेशी पर्यटकों को पारगमन वीज़ा प्रदान किया गया था।

ऑपरेशन सुरक्षित घर वापसी (2011)

  • इसे भारत सरकार ने 26 फरवरी, 2011 को लीबियाई गृहयुद्ध में फँसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिये शुरू किया था।
  • इस ऑपरेशन में लगभग 15,000 नागरिकों को बचाया गया था। 
  • इसमें भारतीय नौसेना और एयर इंडिया द्वारा वायु मार्ग और समुद्र मार्ग दोनों का उपयोग किया गया था।

ऑपरेशन सुकून (2006)

  • जुलाई 2006 में जैसे ही इज़रायल और लेबनान में सैन्य संघर्ष में शुरू हुआ, भारत ने ऑपरेशन सुकून शुरू करके अपने वहाँ फँसे हुए नागरिकों को बचाया, जिसे अब ‘बेरूत सीलिफ्ट’ के नाम से जाना जाता है।
  • यह ‘डनकर्क’ निकासी के बाद से सबसे बड़ा नौसैनिक बचाव अभियान था।
  • टास्क फोर्स ने 19 जुलाई और 1 अगस्त, 2006 के बीच कुछ नेपाली और श्रीलंकाई नागरिकों सहित लगभग 2,280 लोगों को निकाला था।

कुवैत एयरलिफ्ट (1990)

  • वर्ष 1990 में जब 700 टैंकों से लैस 1,00,000 इराकी सैनिकों ने कुवैत पर हमला किया, तब शाही और अति विशिष्ट व्यक्ति सऊदी अरब भाग गए थे।
  • वहीं आम जनता के जीवन को जोखिम में डाला दिया गया।कुवैत में फँसे लोगों में 1,70,000 से अधिक भारतीय थे।
  • भारत ने निकासी अभियान शुरू किया, जिसमें 1,70,000 से अधिक भारतीयों को एयरलिफ्ट किया गया और भारत वापस लाया गया।

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