मंकीपॉक्स

  • मंकीपॉक्स एक दुर्लभ, वायरल जूनोटिक बीमारी है।
  • मंकीपॉक्स में चेचक के समान लक्षण प्रदर्शित होते हैं, हालाँकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर है।
  • मंकीपॉक्स का संक्रमण पहली बार वर्ष 1958 में अनुसंधान के लिये रखे गए बंदरों की कॉलोनियों में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोपों के बाद खोजा गया जिसे ‘मंकीपॉक्स’ नाम दिया गया।

लक्षण

  • मंकीपॉक्स से संक्रमित लोगों में चिकन पॉक्स जैसे दिखने वाले दाने निकल आते हैं।
  • मंकीपॉक्स के कारण लोगों में बुखार, अस्वस्थता और सिरदर्द होता है जो चिकन पॉक्स के संक्रमण की तुलना में अधिक गंभीर है।
  • मंकीपॉक्स में लिम्फ ग्रंथि बढ़ जाती है।

संचरण

  • मंकीपॉक्स वायरस जंगली जानवरों जैसे- कृन्तकों और प्राइमेट्स से लोगों के बीच फैलता है।
  • मानव-से-मानव संचरण भी संभव है।
  • संक्रमित जानवरों का अपर्याप्त पका हुआ मांस खाने के कारण भी होता है।
  • मानव-से-मानव संचरण का कारण संक्रमित श्वसन पथ स्राव, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों से या रोगी या घाव से स्रावित तरल पदार्थ द्वारा तथा दूषित वस्तुओं के निकट संपर्क के कारण हो सकता है।
  • इसका संचरण टीकाकरण या प्लेसेंटा (जन्मजात मंकीपॉक्स) के माध्यम से भी हो सकता है।
  • यह तेज़ी से फैलता है और संक्रमित होने पर दस में से एक व्यक्ति की मौत का कारण बन सकता है।

उपचार

  • मंकीपॉक्स के संक्रमण को रोकने के लिये कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है।

WHO द्वारा मंकीपॉक्स को लेकर वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किये जाने के बाद यूरोपियन संघटन ने मंकीपॉक्स के इलाज के लिये चेचक के टीके, इम्वेनेक्स की अनुशंसा की है।

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