महारत्न

‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ (CPSEs) के लिये महारत्न योजना मई 2010 में शुरू की गई थी।

महारत्न योजना द्वारा CPSEs को अपने संचालन का विस्तार करने और वैश्विक दिग्गजों के रूप में उभरने के लिये सशक्त बनाया जाता है।

मानदंड

कंपनियों को नवरत्न का दर्जा प्राप्त होना चाहिये।

कंपनी को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियामकों के अंतर्गत न्यूनतम निर्धारित सार्वजनिक हिस्सेदारी के साथ भारतीय शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध होना चाहिये।

विगत तीन वर्षों की अवधि में औसत वार्षिक व्यवसाय (Average Annual Turnover) 25,000 करोड़ रुपए से अधिक होना चाहिये।

पिछले तीन वर्षों में औसत वार्षिक निवल मूल्य (Average Annual Net Worth) 15,000 करोड़ रुपए से अधिक होना चाहिये।

पिछले तीन वर्षों का औसत वार्षिक शुद्ध लाभ (Average Annual Net Profit) 5,000 करोड़ रुपए से अधिक होना चाहिये।

कंपनियों की व्यापार के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में महत्त्वपूर्ण उपस्थिति होनी चाहिये।

हाल ही में ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) को महारत्न केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSE) का दर्जा दिया गया है।

REC के बारे में

REC एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है

REC को वर्ष 1969 में स्थापित किया गया था, जो पूरे भारत में बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।

यह विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत आती है।

REC को भारत सरकार की निम्न प्रमुख योजनाओं के लिये एक नोडल एजेंसी के तौर पर नियुक्त किया गया है

  • प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य)
  • दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (DDUGJY)
  • राष्ट्रीय विद्युत कोष (एनईएफ)

NOTE-‘केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों’ (CPSEs) का आशय उन कंपनियों से है, जिनमें केंद्र सरकार या अन्य CPSE की प्रत्यक्ष हिस्सेदारी 51% या उससे अधिक होती है।

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