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दिल्ली की सल्तनत पर काबिज होने वाला पहला वंश गुलाम वंश था।, गुलाम वंश की स्थापना मुहम्मद गोरी के एक गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने की। कुतुबुद्दीन ऐबक कुतुबुद्दीन ऐबक ने लाहौर में शपथ ग्रहण किया, बाद में दिल्ली को अपनी…

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महमूद गजनी भारत में लूट पाट करके वापस चला गया, तुर्की साम्राज्य की भारत में स्थापना का कार्य मुहम्मद गोरी (मुइजुद्दीन मुहम्मद बिन साम गोरे) ने पूरा किया। गजनी एवं हिरात के बीच एक छोटा-सा राज्य था गौर। मुहम्मद गोरी…

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महमूद गजनवी एक तुर्क सरदार अल्पतगीन ने 932 ई० में गजनी (मध्य एशिया) में एक स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।  अल्पतगीन की मृत्यु के पश्चात उसके दास एवं दामाद सुबुक्तगीन ने 977 ई० में गजनी पर अधिकार कर लिया।  सुबुक्तगीन…

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मध्यकालीन भारत की प्रमुख घटना मुस्लिमों का आक्रमण थी जिसमें सर्वप्रथम अरबी आक्रमण हुआ और बाद में तुर्की आक्रमण हुआ सर्वप्रथम अरबी मुस्लमानों का आक्रमण 636 ई0 में हुआ था ये आक्रमण खलीफा उमर के समय में हुआ और यह आक्रमण असफल…

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7वीं शताब्दी ई० में पश्चिमी अरब व्यापारिक मार्ग पर काफिलों के एक शहर मक्का का उदय हुआ। कुरैश नामक जनजाति ने उस काल में मक्का पर अपना प्रभुत्व जमा रखा था।  मक्का में ही अरबों का सर्वप्रमुख धार्मिक केन्द्र काबा…

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मध्यकालीन भारत (MEDIEVAL INDIA)  “भारत में 1206 ई० में दिल्ली सल्तनत की स्थापना से लेकर 1739 ई० में नादिरशाह के आक्रमण एवं मुगल साम्राज्य के पूर्ण पतन तक का काल ‘मध्यकाल’ कहलाता है।  इस काल की जानकारी के लिए पुरातात्विक…

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हर्षवर्द्धन की मृत्यु के बाद भारत में तीन प्रमुख शक्तियों पाल, प्रतिहार एवं राष्ट्रकूट वंशों का उदय हुआ, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में लंबे समय तक शासन किया।  कन्नौज पर प्रभुत्व के सवाल पर उपरोक्त तीनों राजवंशों के बीच ‘8वीं शताब्दी…

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ऐसा माना जाता है कि राजपूत शब्द एक जाति या वर्ण-विशेष के लिए इस देश में मुसलमानों के आने के बाद प्रचलित हुआ। ‘राजपूत’ या ‘रजपूत’ शब्द संस्कृत के राजपुत्र शब्द का अपभ्रंश है। प्राचीन ग्रंथ कुमारपाल चरित् एवं वर्ण रत्नाकर आदि…

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पाल वंश (Pal Dynasty) खलीमपुर ताम्र-पत्र अभिलेख से ज्ञात होता है कि 750 ई० में बंगाल की जनता ने अराजकता से त्रस्त होकर स्वयं गोपाल को अपना राजा चुना।  गोपाल (750-80 ई०) पाल वंश का प्रथम शासक था।  इस वंश…

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उपलब्ध संसाधन संकेत करते हैं कि दक्षिण भारत, मुख्यत: तमिलनाडु एवं केरल में प्रथम सहस्त्राब्दी में महापाषाणयुगीन लोग रहते थे।  पल्लव वंश (Pallav Dynesty) राष्ट्रकूट वंश (RashtrakutDynasty) चालुक्य वंश (CHALUKYADYNASTY)  बादामी के चालुक्य (Chalukyas of Badami) कल्याणी के चालुक्य (Chalukyas…

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गुप्त वंश के पतन के पश्चात् पुष्यभूति ने थानेश्वर में एक नवीन राजवंश की स्थापना की जिसे ‘पुष्यभूति वंश’ कहा गया। हर्षवर्द्धन (इस राजवंश का सबसे प्रतापी शासक) के लेखों में उसके केवल चार पूर्वजों नरवर्द्धन, राज्यवर्द्धन, आदित्यवर्द्धन एवं प्रभाकरवर्द्धन का उल्लेख मिलता है।

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हूण लोग मंगोल प्रजाति के खानाबदोश जंगलियों के एक समूह थे। यह युद्धप्रिय एवं बर्बर जाति आरंभ में चीन के पड़ोस में निवास करती थी।

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गुप्त काल (GUPTA PERIOD)  गुप्तकालीन संस्कृति प्रशासन (Administration) गुप्तकालीन केंद्रीय नौकरशाही  गुप्तकालीन केंद्रीय नौकरशाही के विषय में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है। परंतु कुछ प्रमुख कर्मचारियों के पदों का जिक्र अवश्य मिलता है। गुप्त शासकों ने किसी नयी व्यवस्था…

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मौर्योत्तर काल (POST-MAURYA PERIOD)  ब्राह्मण साम्राज्य (BRAHMIN EMPIRE) शुंग वंश (Sunga Dynasty) कण्व वंश (Kanav Dynasty)  सातवाहन वंश  वाकाटक वंश  विदेशी आक्रमण  हिन्द यूनानी (indo-greek) हिन्द-पार्थियन (Indo-Parthian) शक (Shakas) कुषाण (Kushanas) कलिंग राज खारवेल (Kalinga King Kharvell) मौर्योत्तरकालीन कला-संस्कृति  कुषाणकालीन…

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मौर्य कौन थे ? मौर्य वंश के इतिहास के स्रोत मौर्य वंश का इतिहास मौर्य वंश का शासन भारत में 137 वर्षों (321-187) तक रहा। इन वर्षों में कई शासक हए, जिनमें निम्न तीन सम्राटों का शासनकाल उल्लेखनीय रहा  अन्य…

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ई० पू० छठी शताब्दी में भारतीय राजनीति में एक नया परिवर्तन दृष्टिगत होता है। वह है-अनेक शक्तिशाली राज्यों का विकास। अधिशेष उत्पादन, नियमित कर व्यवस्था ने राज्य संस्था को मजबूत बनाने में योगदान दिया। सामरिक रूप से शक्तिशाली तत्वों को…

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