साहित्यिक स्रोतों से सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले 20 सवाल
भगवान् श्रीकृष्ण का उल्लेख सबसे पहले छान्दोग्यपनिषद में आया है !
सत्यमेव जयते मुन्डोकपनिषद से लिया गया है इसी में यज्ञ की तुलना दूटी हुई नाव से की गयी है
महाभारत विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है इसे पांचवे वेद के रूप में मान्यता मिली है
लोमहर्ष और उनके पुत्र उग्रश्रवा को पुरानों का संकलनकर्ता माना जाता है
सबसे प्राचीन और विश्वशनीय पुराण मतस्यपुराण है, इससे सातवाहन वंश के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है
विष्णुपुराण से मौर्य वंश तथा वायु पुराण से गुप्त वंश के बारे में जानकारी मिलती है
ऋग्वेद का सातवाँ मंडल सबसे प्राचीन है और दसवां मंडल सबसे नया है !
पुराणों से विदेशियों जैसे – शक, यवन, हूण आदि के बारे में जानकारी मिलती है !
बौद्ध साहित्य के जातक जो कि 550 कथाओं का संग्रह है, मौर्य साम्राज्य के इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है
बौद्ध साहित्य के ही दीपवंश से श्रीलंका के इतिहास की जानकारी मिलती है !
त्रिपिटकों की भाषा प्राकृत है ये तीन हैं – सुत्तपिटक, विनयपिटक और अभिधम्मपिटक !
ललित विस्तार संस्कृत भाषा का पहला बौद्ध ग्रन्थ है !
जैन साहित्य को आगम कहा जाता है, जिनकी रचना प्राकृत और संस्कृत भाषा में हुई थी !
कल्हण द्वारा लिखी गयी राजतरंगिणी से कश्मीर के पहली शताब्दी से 12 वीं शताब्दी के इतिहास का पता चलता है !
कालिदास के द्वारा लिखे गए मालविकाग्निमित्रम और दंडी के दशकुमार चरित से गुप्तकालीन समाज की जानकारी मिलती है !
हेरोडोटस जिसे इतिहास का पिता कहा जाता है उसके विवरण हिस्टोरिका से भारतीय इतिहास के बारे में जानकारी मिलती है !
प्लिनी के वर्णन “नेचुरल हिस्ट्री” से भारत के पशुओं पौधों और खनिजों के बारे में जानकारी मिलती है !
चीनी यात्री फाह्यान की पुस्तक से भारत में बौद्ध धर्म के बारे में जानकारी मिलती है !
ह्वेनसांग को यात्रियों का सम्राट कहा जाता है ! इसका यात्रा वृतात सीयूकी है इसमें 138 देशों के बारे में जानकारी मिलती है, ये हर्ष के काल में भारत आया था !
मेगास्थनीज़ की इंडिका में मौर्य कालीन सामाजिक एवं राजनीतिक स्थिति की जानकारी मिलती है !