National Income in Hindi
(Indian Economy – National Income Related Facts in Hindi for SSC, UPSC, UPPSC)
किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के आर्थिक निष्पादन की जानकारी का प्रमुख साधन राष्ट्रीय आय (National Income) है| स्वतंत्रता के पश्चात भारत सरकार ने राष्ट्रीय आय का अनुमान लगाने के लिये 4 अगस्त 1949 को राष्ट्रीय आय समिति का गठन किया जिसके अध्यक्ष पी सी महालनोविस थे
- राष्ट्रीय आय National Income in Hindi – किसी एक निश्चित वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तु एवं सेवाओं के कुल मौद्रिक मूल्य से राष्ट्रीय आय कहलाता है, “राष्ट्रीय आय में वस्तुओं एवं सेवाओं की बाज़ार कीमतें शामिल होती हैं”
- राष्ट्रीय आय के आंकणॉं से कुल उत्पादन संदृद्धि दर, राष्ट्रीय आय का ढांचा प्रति व्यक्ति राष्टीय आय, बचत एवं निवेश एवं इत्यादि के सम्बंध में जानकारी प्राप्त होती है
- भारत में राष्ट्रीय आय को मापने के लिये वित्त वर्ष 1 अप्रेल से 31 मार्च से माना जाता है
- भारत में राष्ट्रीय आय का अनुमान सर्वप्रथम दादा भाई नौरोजी ने 1868 ई0 में लगाया था, उन्होने अपनी पुस्तक “पॉवर्टी एवं अनब्रिटिश रुल इन इंडिया” में राष्ट्रीय आय की गणना की थी
- भारत में राष्ट्रीय आय की वैज्ञानिक गणना का श्रेय प्रो0 बी के आर वी राव को दिया जाता है, इन्होने राष्ट्रीय आय के अनुमान के लिये उत्पादन गणना प्रणाली तथा आय गणना प्रणाली के समिश्रण का प्रयोग किया, इनका अनुमान सबसे अधिक विश्वसनीय माना जाता है, इन्होने राष्ट्रीय आय का आंकलन अपनी पुस्तक “नेशनल इनकम इन ब्रिटिश इण्डिया” में प्रस्तुत किया
- वर्तमान समय में भारत में राष्ट्रीय आय का अनुमान केंन्द्रीय सांख्यिकी संगठन द्वारा किया जाता है, इसकी स्थापना 2 मई 1951 ई0 को की गयी थी, तथा इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है
- केंन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (C.S.O.) के वार्षिक विवरण को राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी कहा जाता है जिसे श्वेत पत्र भी कहा जाता है
- केंन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (C.S.O.) ने राष्ट्र्रीय आय के आंकलन हेतु भारतीय अर्थव्यवस्था को तीन भागों में, (प्राथमिक, द्वितीयक तथा तृतीयक) तथा 14 उपक्षेत्रों को विभाजित किया है
- प्राथमिक क्षेत्र – कृषि, वानिकी, मछली पालन एवं खान पान
- द्वितीयक क्षेत्र– विनिर्माण, निर्माण, बिजली, गैस और जल आपूर्ति
- तृतीयक क्षेत्र– परिवहन, संचार, व्यापार, बैंकिंग एवं बीमा आदि सेवायें आती है
- उत्पादन गणना विधि
- आय गणना विधि
- उपभोग बचत विधि या व्यय विधि
- उत्पादन गणना विधि
इसके अंतर्गत किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित अंतिम वस्तुओं एवं सेवाओं का मूल्य ज्ञात किया जाता है
- आय गणना विधि
इसके अंतर्गत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त आय का योग किया जाता है
- व्यय विधि
इसके अनुसार राष्ट्रीय आय की गणना करने के लिये कुल उपभोग एवं कुल बचत का अनुमान लगाया जाता है इन दोनों का कुल योग ही राष्ट्रीय आय कहलाता है
*केंन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (C.S.O.) राष्ट्रीय आय का अनुमान करने के लिये उत्पादन विधि और आय विधि का प्रयोग करता है
Sir aap jo notes dete hai usko pdf me bhi de . ya download ka link de . plzzzzzzzzz…… Sir
ok shruti ji, we will try to do that soon.
Good
Hlo madam..
Thank you for the national income knowledge. Very useful
sir note koin thoda laba dete joo
important general studies
Plz ……jo notes app log dete hai PDF bna ke dijina na aur ek me hi Sara notes digiye ….jaise Nation income ka notes diye hai isme pura uska introduction , defination and concepts sbhi kuck ek saath digiye na to hmme padhne me aasani hoga ………plz pura notes ek saath digiye
Plz ……jo notes app log dete hai PDF bna ke dijina na aur ek me hi Sara notes digiye ….jaise Nation income ka notes diye hai isme pura uska introduction , defination and concepts sbhi kuck ek saath digiye na to hmme padhne me aasani hoga ………plz pura notes ek saath digiye
Mast h
Par
(G.D.P. ,N.D.P, G.N.P , N.N.P)
Ka bhi details btaiye sir
So help full… Thanks