विपणन प्रणाली (Marketing system)

  • कृषि पदार्थों का संग्रहण भंडारण, प्रसंस्करण, परिवहन, पैकिंग, वर्गीकरण और वितरण आदि को वितरण प्रणाली के अंतर्गत शामिल किया जाता है |
  • भारत में कृषि उत्पादों के संबंध में विपणन व्यवस्था भारत में खाद्य पदार्थों का विपणन मुख्यतः नियमित बाजारों के माध्यम से होता है |
  • यह बाजार राज्य सरकार अथवा स्थानीय सरकार द्वारा बनाया जाता है, यहां कुछ वस्तु अथवा विशिष्ट वस्तुओं का क्रय विक्रय होता है |
  • इनके अलावा कृषि विपणन के लिए सहकारी विपणन समितियां भी महत्वपूर्ण है इसका निर्माण 10 या 10 से अधिक किसान मिलकर अपने उत्पादों के विक्रय के लिए करते हैं |

राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन भारतीय संघ (NAFED)


  • इसकी स्थापना 2 अक्टूबर 1958 को की गई थी यह एक शीर्ष सरकारी संगठन है, जो कुछ चुने गए कृषि उत्पादों की खरीद वितरण निर्यात तथा आयात में सलंग्न है |
  • यह राज्यों के बीच कृषि उत्पादन के व्यापार को भी परिवर्तित करता है, यह अदरक, लहसुन, प्याज, दाल इत्यादि वस्तुओं का निर्यात तथा देश के किसी भाग में इन वस्तुओं की कमी की पूर्ति करता है |

भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिषद (TRIFED)

  • इस परिषद की स्थापना 1987 में की गई थी इसका उद्देश्य जनजातियों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलवा कर उन्हें व्यापारियों के शोषण से बचाना है |

वेयर हाउसिंग (Warehousing)

  • उत्पादन के स्थान से बाजार तक ले जाने की क्रिया के दौरान वस्तुओं को रखने वाले गोदाम को वेअरहाउसिंग कहा जाता है| कृषि उत्पादों के भंडार और वेअरहाउसिंग से जुड़ी हुई वर्तमान में 3 संस्थाएं सार्वजनिक क्षेत्र में कार्य कर रही हैं-

  1. भारतीय खाद्य निगम (FCI)
  2. केंद्रीय वेअरहाउसिंग निगम (CWC)
  3. वेयरहाउसिंग निगम



Tagged in:

,