सार्वजनिक वितरण प्रणाली(Public Distribution System-PDS)

  • यह भारत में सरकार द्वारा प्रबंधित एक प्रणाली हैजिसमे समाज के गरीब वर्गों को भोजन, अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुएँ प्रदान करते हैं।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत स्थापित ‘उचित मूल्य की दुकानों’ (FPS) या राशन की दुकानों की एक शृंखला के माध्यम से खाद्य और कुछ गैर-खाद्य पदार्थ रियायती दर पर उपलब्ध कराए जाते हैं।
  • इस प्रणाली का प्रबंधन उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
  • राज्य और केंद्र सरकारें गरीबी रेखा के नीचे तथा इससे ऊपर के समुदायों के लिये कम कीमत पर खाद्यान्न व अन्य आवश्यक वस्तुएँ उपलब्ध कराने हेतु काम करती हैं।
  • केंद्र सरकार संसाधनों की खरीद, संरक्षण, परिवहन और आवंटन हेतु उत्तरदायी है।
  • राज्य सरकार कार्ड और दुकानों के माध्यम से इन राशनकार्ड धारकों की पहचान और उपलब्धता का एक नेटवर्क स्थापित करना सुनिश्चित करती है।
  • केंद्र सरकार, किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खाद्यान्न खरीदती है और इसे केंद्रीय निर्गम मूल्य पर राज्यों को बेचती है।
  • सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वर्तमान में वितरण के लिये राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को गेहूँ, चावल, चीनी और मिट्टी तेल जैसी वस्तुओं का आवंटन किया जा रहा है।
  • कुछ राज्य/केंद्रशासित प्रदेश ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली’ आउटलेट्स के माध्यम से बड़े पैमाने पर खपत की अतिरिक्त वस्तुओं जैसे- दालें, खाद्य तेल, आयोडीनयुक्त नमक, मसाले आदि का वितरण भी करते हैं।
  • ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, (NFSA) 2013’ कानूनी रूप से 75% ग्रामीण आबादी और 50% शहरी आबादी को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत रियायती खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार देता है।

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