बजट और संवैधानिक प्रावधान

  • एक बजट भविष्य की योजनाओं और उद्देश्यों के आधार पर अनुमानित आय और व्यय का एक औपचारिक विवरण है।
  • बजट एक दस्तावेज है जो प्रबंधन व्यवसाय के लिए अपने लक्ष्यों के आधार पर आगामी अवधि के लिए राजस्व और खर्चों का अनुमान लगाने के लिए बनाता है।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, एक वर्ष के केंद्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण कहा जाता है।
  • यह एक वित्तीय वर्ष में सरकार की अनुमानित प्राप्तियों और व्यय का विवरण है (जो चालू वर्ष में 1 अप्रैल से शुरू होकर अगले वर्ष के 31 मार्च को समाप्त होता है)।

बजट में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया जाता है

  • राजस्व और पूंजी प्राप्तियों का अनुमान।
  • राजस्व बढ़ाने के तरीके और साधन।
  • व्यय अनुमान।
  • पिछले वित्तीय वर्ष की वास्तविक प्राप्तियों और व्यय का विवरण तथा उस वर्ष में किसी भी कमी या अधिशेष का कारण।
  • आने वाले वर्ष की आर्थिक और वित्तीय नीति, अर्थात् कराधान प्रस्ताव तथा नई योजनाओं/परियोजनाओं की शुरुआत।

संसद में बजट छह चरणों से गुज़रता है

  • बजट की प्रस्तुति।
  • आम चर्चा।
  • विभागीय समितियों द्वारा जाँच।
  • अनुदान मांगों पर मतदान।
  • विनियोग विधेयक पारित करना।
  • वित्त विधेयक पारित करना।
  • वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग ‘बजट डिवीज़न’ तैयार करने हेतु ज़िम्मेदार केंद्रीय निकाय है।
  • पहली बार 7 अप्रैल, 1860 को जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश महारानी के समक्ष भारत का बजट पेश किया गया था।
  • स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर,1947 को पेश किया गया था तत्कालीन वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी ने यह बजट पेश किया था
  • पीसी महालनोबिस को भारतीय बजट का जनक कहा जाता है।
  • प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में जब यशवंत सिन्हा वित्त मंत्री बने तो उन्होंने यह परंपरा बदल दी। 27 फरवरी 1999 को उन्होंने पहली बार सुबह में भारत का बजट पेश किया तब से बजट को सुबह ही पेश किया जाता है

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