अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में मारबर्ग वायरस का कहर टूटा है। इस वायरस के संक्रमण के चलते अब तक नौ लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग बीमार हैं। मारबर्ग वायरस संक्रमण के लक्षण इबोला वायरस की तरह हैं।
मारबर्ग वायरस के लक्षण क्या है ?
तेज बुखार, भयानक सिरदर्द, उल्टी के साथ खून आना, मोशन के साथ ब्लड आना, नाक से खून आना, जोड़ों में तेज दर्द, बहुत अधिक थकान कमजोरी और छाती में दर्द की समस्या रहती है। कई मरीजों में संक्रमण के सात दिनों के भीतर हेमेरेजिक लक्षण भी दिख सकते हैं और हालात बिगड़ने पर मरीज की मौत भी हो जाती है।
डब्लूएचओ ने बयान जारी कर कहा है कि मारबर्ग वायरस का इतने बड़े पैमाने पर यह पहला संक्रमण फैला है। प्रभावित इलाकों में एडवांस टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो वायरस संक्रमितों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट कर रही है और उन्हें इलाज भी मुहैया करा रही हैं।
मारबर्ग वायरस कितना खतरनाक है?
मारबर्ग वायरस कितना खतरनाक साबित हो सकता है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डब्लूएचओ ने स्वास्थ्य आपातकाल विशेषज्ञ, संक्रमण को फैलने से रोकने वाली टीमें, लैब और कम्यूनिकेशन सपोर्ट सिस्टम मारबर्ग वायरस से प्रभावित इलाकों में तैनात कर दी हैं ताकि इसके प्रसार को रोका जा सके।
डब्लूएचओ के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. मातशिदिसो मोइती ने बताया कि मारबर्ग वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता है और इसके संक्रमण की मृत्यु दर 88 फीसदी तक जा सकती है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मारबर्ग एक बहुत ही तेजी से फैलने वाली बीमारी है जिससे बुखार के साथ शरीर के अंदरुनी अंगों से खून निकलने लगता है।
मारबर्ग वायरस कैसे फैलता है ?
यह वायरस चमगादड़ों से इंसानों में फैला है और संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से यह अन्य लोगों में भी फैल सकता है।
मारबर्ग वायरस इबोला की तरह चमगादड़ों में उत्पन्न होता है। साथ ही यह संक्रमित लोगों के शारीरिक तरल पदार्थ, सतहों जैसे दूषित चादरें या कपड़े के निकट संपर्क के माध्यम से लोगों में फैलता हैं और उन्हें अपनी चपेट में लेता है।
मारबर्ग से बचने के उपाय
अभी तक इस वायरस का कोई इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है लेकिन समय पर इलाज मिलने से मरीज की जान बच भी सकती है।
मारबर्ग से बचने के लिए आपको संक्रमित लोगों से दूरी बनाकर रहना चाहिए। साथ ही उन्हें भी सही बचाव करना चाहिए, जिससे वो दूसरे के लिए घातक साबित ना हो और दूसरे लोग इससे बचें रहें।
इसके साथ ही अगर आपको लगता है कि आपमें या किसी में इसके लक्षण दिख रहे हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर को इसे दिखाना चाहिए, जिससे आपको समय रहते बेहतर इलाज या इसको रोकने का पता चल सके, जिससे दूसरे लोग बचें रहें।