मुहम्मद बिन तुगलक की योजनाएं (Schemes of Muhammad bin Tughluq)

बरनी ने मोहम्मद बिन तुगलक की 5 योजनाओं का उल्लेख किया है –

योजना

योजना से संबंधित विविध महत्वपूर्ण पक्ष

दोआब में भू राजस्व की वृद्धि
  • भू राजस्व में भारी वृद्धि की गई इसी समय दोआब में अकाल पड़ गया| लगान वसूल करने वाले अधिकारियों ने कठोरता से वसूली करने की कोशिश की किसानों ने विद्रोह कर दिया इतिहास में पहली बार किसानों ने खेती बंद कर दी | अत्यधिक निर्दयता से विद्रोह का दमन किया गया |
राजधानी परिवर्तन
  • राजधानी परिवर्तित नहीं हुई थी दौलताबाद नई राजधानी बनी और साथ ही दिल्ली भी राजधानी बनी रही |
  • लोगों को संभवत: बलपूर्वक दिल्ली से दौलताबाद भेजा गया |
  • उद्देश्य दूरस्थ दक्षिणी प्रांतों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना था 😐 संभवत: मंगोल आक्रमणों से सुरक्षा भी एक कारण था देवगिरी का नाम दौलताबाद रखा गया |
  • देवगिरी दक्कन में इस्लामी संस्कृति का केंद्र बन गया क्योंकि अनेक विद्वान, संत और सूफी देवगिरी जाकर बस गए |
  • विद्रोह के कारण शीघ्र ही दक्षिणी क्षेत्र सल्तनत से बाहर हो गए और देवगिरि को राजधानी बनाने का औचित्य समाप्त हो गया |
  • 1335 ईस्वी में दिल्ली पुनः राजधानी बनी और लोगों को लौटने का आदेश दिया गया |
  • इस प्रकार आने जाने से लोगों को काफी कष्ट उठाना पड़ा |
सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन
  • चांदी की कमी के कारण सांकेतिक मुद्रा का प्रचलन किया गया |पीतल/काँसे की मुद्रा प्रयोग में लाई गई |पीतल की मुद्रा/सिक्के चलाने वाले प्रथम सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक ही था |
  • कांस्य/पीतल की मुद्रा का मूल्य चांदी की मुद्रा के बराबर रखा गया सिक्कों पर फारसी तथा अरबी भाषा में लेख लिखे गए थे लोगों ने सरलता से अपने घरों में सिक्के बनाने शुरू कर दिए जो राजकीय सिक्कों जैसे ही थे |
  • राजकोष को भारी नुकसान हुआ फलत: यह योजना बंद करनी पड़ी |
खुरासान अभियान
  • यह योजना खुरासान के शासक अबू सैयद के विरुद्ध थी | इसका उद्देश्य गजनी और काबुल पर नियंत्रण स्थापित कर मंगोल आक्रमणों से रक्षा करना था |
  • इसके लिए मिस्र के सुल्तान और ट्रांसआक्सियाना के शासक तरमाशिरीन के साथ एक त्रिमैत्री संघ बनाया गया |
  • इसके लिए 3,70,000 घुड़सवारों की विशाल सेना तैयार की गई | यह मध्यकालीन भारतीय इतिहास में विदेश नीति के एक नए बोध का उदाहरण है |
  • मैत्री संघ टूटने से योजना समाप्त हो गई और सेना पर हुआ अत्यधिक व्यय अधिकांशत: व्यर्थ चला गया |
कराचिल अभियान
  • पहाड़ी क्षेत्र में किया गया अभियान जो संभवत: वह कांगड़ा :/कुमाऊं जिले में किया गया था |
  • विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों में सल्तनत की सेना को अत्यधिक हानि हुई |
  • तत्कालीन पहाड़ी शासक ने आधिपत्य मानते हुए एक निश्चित धनराशि देने का वादा किया |

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