क्या होता है गुरुत्वाकर्षण
न्यूटन के अनुसार इस ब्रहमाण्ड का प्रत्येक दूसरे पिण्ड को अपनी ओर आकर्षित करता है किन्हीं दो पिण्डो के बीच लगने वाले आकर्षण बल का परिमाण उनके द्रव्यमान के गुणनफलों के समानुपाती और उनकी बीच की दूरी के वर्ग के व्युतक्रमानुपाती होता है और इसकी दिशा दोनो पिण्डो को मिलाने वाली रेखा की सीध में होती है इसे न्यूटन का सर्वव्यापी गुरुत्वाकर्षण का नियम कहते है
क्या दैनिक जीवन में हम गुरुत्वीय त्वरण का अनुभव कर सकते है
- दैनिक जीवन में में गुरुत्वाकर्षण बल का अनुभव हम नहीं करते क्योकि इस आकर्षण बल का मान बहुत कम होता है लेकिन आकाशीय ग्रहों और उपग्रहों के बीच गुरुत्वाकर्षण का मान बहुत अधिक होता है इस आकर्षण बल के कारण ही पृथ्वी सूर्य के चारों ओर तथा चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है इसी आकर्षण बल के द्वारा ग्रह नक्षत्र ब्रह्माण्ड में अपनी परिक्रमाएं करते है
गुरुत्वीय त्वरण क्या है
- यदि आप किसी वस्तु को हवा में उठा कर छोड दें तो वह पृथ्वी के गुरुत्व के कारण नीचे गिरने लगती है गिरने की क्रिया उसके वेग मे प्रति सेकण्ड बृध्दि होती है वस्तु के वेग में पृथ्वी के गुरुत्व बल के कारण एक सेकण्ड में जितनी बृध्दि होती है वह बृध्दि गुरुत्वी त्वरण कहलाती है इसे ‘g’से प्रदर्शित किया जाता है तथा इसका मान 9.80665 मी. प्रति सेकण्ड होता है
कैसे होता है ‘g’ के मान में परिवर्तन
- ‘g’ का मान पृथ्वी के भूमध्य रेखा पर न्यूनतम होता है इसका मान धुव्रों पर सबसे अधिक होता है पृथ्वी की सतह से ऊपर या नीचे की ओर जाने पर ‘g’ का मान घटता है पृथ्वी की घूर्णन गति बढने पर गुरुत्वी त्वरण का मान कम हो जाता है तथा घूर्णन गति घटने पर गुरुत्वी त्वरण का मान बढ जाता है पृथ्वी के केंद्र पर ‘g ‘ का मान शून्य होता है और पृथ्वी के केंद्र पर किसी भी वस्तु का भार शून्य हो जायेगा यदि पृथ्वी अपनी वर्तमान कोणीय चाल की 17 गुनी अधिक चाल से घूमने लगे तो भूमध्य रेखा पर रखी वस्तु का भार भी शून्य हो जायेगा
भार किसे कहते है
- जिस बल द्वारा पृथ्वी किसी वस्तु को अपने केंद्र की ओर खीचती है वो उस वस्तु का भार कहलाता है चंद्रमा पर किसी पिण्ड का भार पृथ्वी पर उसके भार से 1/6 गुना होता है और पृथ्वी का द्रव्यमान चंद्रमा के द्रव्यमान से 81 गुना अधिक है
क्या लिफ्ट में पिण्ड का भार
- जब लिफ्ट त्वरण ‘a’ के साथ ऊपर की ओर जाती है तो लिफ्ट में स्थित पिण्ड का भार बढा हुआ प्रतीत होता है
- जब लिफ्ट त्वरण ‘a’ के साथ नीचे की ओर आती है तो लिफ्ट में स्थित पिण्ड का भार घटा हुआ प्रतीत होता है
- जब लिफ्ट एक समान वेग से ऊपर या नीचे जाती है तो लिफ्ट में स्थित पिण्ड के भार में कोई परिवर्तन प्रतीत नहीं होता तथा जब नीचे उतरते समय लिफ्ट की डोरी टूट जाये तो वह मुक्त पिण्ड की भांति नीचे गिरती है अर्थात पिण्ड का भार शून्य होता है यही भार हीनता की स्थिति है यदि लिफ्ट के नीचे गिरते समय लिफ्ट का त्वरण गुरुत्वीय त्वरण से अधिक हो जाये तो लिफ्ट में स्थित पिण्ड फर्श से उठ कर उसकी छत से टकरा जायेगा
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Thanx sir
very nice sir ji…
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i am very impressed your matter
very nice sir kripya isme yaad karne ki trik bhi jode
सर पृथ्वी के केंद्र पर तो ग्रेविटी बहुत अधिक होनी चाहिए फिर वहाँ पे 0 क्यों हो जाती हैं
Sir ji ye value of gravitational constant kya hota h thoda samjha dijiye
thanks sir
It’s owsam sir
thanks sir
sir thanks very much give this information
Sir g ki value pole per maximum kyu Hoti h or kaise Hoti h
बहुत-बहुत धन्यवाद गुरू जी