ओलंपिक में भारत

लंदन ओलंपिक तक भारतवर्षीय 1928 से लेकर 2012 तक 24 पदक जीत चुका है हालांकि भारत में ओलंपिक में अधिकृत रूप से 1920 में प्रथम बार भाग लिया था तथापि नॉर्मन प्रिचोर्ड ने दो रजत पदक जीते थे जो भारत के नाम पर दर्ज है इसलिए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति में भारत का ओलंपिक में पदार्पण उन्नीस सौ से माना जाता है

भारत को आधिकारिक रूप से प्रथम सफलता 1928 एम्स्टर्डम( नीदरलैंड) ओलंपिक में मिली जब भारत ने हॉकी में स्वर्ण पदक पर कब्जा किया

उसके पश्चात भारत में 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1960, 1964, 1968, 1972 तथा 1980 तक हॉकी में पदक जीते इस प्रकार हो कि मैं अब तक भारत 8  स्वर्ण, एक रजत, दो कांस्य पदक प्राप्त कर चुका  है  भारत ने अंतिम हॉकी पदक 1980 में मॉस्को ओलंपिक में जीता था

व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत ने 1952 में हेलसिंकी (फिनलैंड) में पहला पदक प्राप्त किया जिसका श्रेय पहलवान के डी जाधव कांस्य पदक)  को जाता है

उसके पश्चात सुशील कुमार ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में लगातार दो ओलंपिक खेलों में पदक जीते जिसमें बीजिंग 2008 में कुश्ती में कांस्य पदक  तथा लंदन 2012 में कुश्ती में रजत पदक शामिल है इसके अतिरिक्त योगेश्वर दत्त ने भी लंदन 2012 में कांस्य पदक प्राप्त किया इस प्रकार भारत कुश्ती में अब तक 4 पदक प्राप्त कर चुका है

टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने 1996 में अटलांटा( अमेरिका) में टेनिस में कांस्य पदक प्राप्त किया

1996 के पश्चात भारत का पदक जीतने का सिलसिला जारी है 2000 में सिडनी( ऑस्ट्रेलिया) में कर्णव महेश्वरी ने भारोत्तोलन में कांस्य पदक जीता तथा प्रथम भारतीय महिला ओलंपिक पदक विजेता  बनी

2004 में एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौर निशानेबाजी में रजत पदक हासिल किया

 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी  में  स्वर्ण पदक जीता यह भारत का किसी व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा प्रथम स्वर्ण पदक था

2008  बीजिंग ओलंपिक में कुश्ती में सुशील कुमार ने कांस्य पदक जीता

2008  बीजिंग ओलंपिक में विजेंदर सिंह ने मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीता यह मुक्केबाजी में प्रथम पदक था

फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर  मिल्खा सिंह 1960 ईसवी  के रोम ओलंपिक में 400 मीटर दौड़ में बेहतरीन प्रदर्शन करने के बावजूद पदक से चूक गए वे चौथे स्थान पर रही और 0.1  सेकंड के अंदर से कास्य  पदक से चूक गए

मिल्खा सिंह की  बाद 1984 में पायली एक्सप्रेस पी टी उषा 400 मीटर की बाधा दौड़ के फाइनल में तीसरे स्थान के लिए फोटो फिनिश में  दुर्भाग्यशाली और सेकंड के सौवें हिस्से से कास्य पदक से वंचित हो गई ऑलंपिक स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली वह प्रथम भारतीय महिला बनी

2016 के रियो ओलंपिक में जिम्नास्टिक्स में दीपा कर्मकार भी चौथे नंबर पर रही हैं.

भारत के लंबे ओलंपिक इतिहास में रियो ओलंपिक में साक्षी मलिक भारत की केवल चौथी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने ओलंपिक में कास्य पदक जीता है.

रियो ओलिंपिक में रजत या सिल्वर मैडल बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने जीता. सिंधु ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बन गई हैं।

रियो ओलिंपिक 2016 में भारत को केवल 2 मैडल मिले.

2020 में ओलिम्पिक जापान की राजधानी तोक्‍यो में आयोजित किया जाएगा।

 




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