त्रिपुरा | सामान्य ज्ञान | सभी महत्वपूर्ण तथ्य

  • स्थापना -21 जनवरी 1972
  • क्षेत्रफल -1049169वर्ग किमी.
  • लिंगानुपात -961
  • भाषा -बंग्ला व काकबरक
  • राजधानी -अगरतला
  • जनसंख्या -3671032
  • साक्षरता -87.75%
  • जनसंख्या घनत्व -350

  • जिलों की संख्या -8

इतिहास


  • ‘ राजमाला ‘ के अनुसार त्रिपुरा के शासकों को ‘ फा ‘ उपनाम से पुकारा जाता था, जिसका अर्थ ‘पिता’ होता है ।
  • त्रिपुरा के शासकों को मुगलों के बार-बार आक्रमण का भी सामना करना पड़ा जिसमें आक्रमणकारियों को कमोबेश सफलता मिली।
  • 19 वीं सदी में महाराजा वीर चन्द्र किशोर माणिक्य बहादुर के शासनकाल में त्रिपुरा के नए युग का सूत्रपात हुआ। उनके उत्तराधिकारियों ने 15 अक्तूबर, 1949 तक त्रिपुरा पर शासन किया।
  • प्रारम्भ में यह भाग ‘ सी ‘ के अन्तर्गत आने वाला राज्य था तथा वर्ष 1956 में राज्यों के पुनर्गठन के पश्चात् केन्द्र शासित प्रदेश बना ।
  • वर्ष 1972 में इसे पूर्ण राज्य का दर्जा प्रदान किया गया।

महत्वपूर्ण तथ्य

  • त्रिपुरा बांग्लादेश व म्यांमार की नदी घाटियों के मध्य स्थित है । यह तीन ओर से बांग्लादेश व उत्तर-पूर्व में असोम और मिजोरम से जुड़ा है ।
  • नदी -खोवली, मनु, डोलोई, लांगाई, जुटी, गोमती, फैनी, मुहुरी, हओरा इत्यादि।

  • त्यौहार -मकर संक्रान्ति, होली, अशोकष्टमी, राश, गरिया, धामेल, बिजू व होजगिरि उत्सव, रॉबिदर-नजरूल-सुकान्ता उत्सव, चोंग प्रेम उत्सव, खपुई उत्सव, वाह उत्सव, मुरासिंग उत्सव, संघारी उत्सव ।
  • लोकनृत्य -गरिया नृत्य (भगवान गरिया के लिए ), लोबांग बोमानी नृत्य (महिला तथा पुरुष द्वारा बाँसों के साथ नृत्य किया जाता है), होजगिरी नृत्य (रियांग समुदाय द्वारा कमर तथा पैरों द्वारा किया जाने वाला नृत्य )। बिजू नृत्य (चकमा समुदाय द्वारा चैत्र संक्रान्ति पर )।
  • पर्यटन स्थल -अगरतला स्थित उज्जयन्त महल, कुंजबन महल, सेपाहीजाला वन्यजीव अभ्यारण्य ( 150 पक्षी जातियाँ, तृष्णा वन्यजीव अभ्यारण्य,
  • जनजाति -त्रिपुरी, रेआग, चाकमा, मोग, हालम, मुरासिंग।



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