ई-कचरा

  • कंप्यूटर तथा उससे संबंधित अन्य उपकरण तथा टी.वी., वाशिंग मशीन एवं फ्रिज जैसे घरेलू उपकरण और कैमरे, मोबाइल फोन तथा उससे जुड़े अन्य उत्पाद जब चलन/उपयोग से बाहर हो जाते हैं तो इन्हें संयुक्त रूप से ई-कचरे की संज्ञा दी जाती है।
  • ई-कचरा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के घटक और पुर्जे आदि शामिल हैं।
  • इसे दो व्यापक श्रेणियों के तहत 21 प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है
  1. सूचना प्रौद्योगिकी और संचार उपकरण।
  2. विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण।
  • ई-कचरे के प्रबंधन को लेकर वर्ष 2011 से ही भारत में कानून मौजूद है, जिसके मुताबिक केवल अधिकृत विघटनकर्त्ता (Dismantlers) और पुनर्चक्रणकर्त्ता (Recyclers) ही ई-कचरा एकत्र कर सकते हैं। 
  • ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2016 को वर्ष 2017 में लागू किया गया था।
  • भोपाल (मध्य प्रदेश) में घरेलू और वाणिज्यिक इकाइयों से कचरे के पृथक्करण, प्रसंस्करण और निपटान के लिये भारत का पहला ई-कचरा क्लिनिक स्थापित किया गया है।
  • 14 अक्तूबर को अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस के रूप में मनाया गया। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी।
  • इस दिवस का उद्देश्य दुनिया भर में हर साल उत्पन्न होने वाले लाखों टन ई-कचरे के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जिसका पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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