विश्व आर्द्रभूमि दिवस

  • नमी या दलदली भूमि वाले क्षेत्र को आर्द्रभूमि या वेटलैंड (Wetland) कहा जाता है।
  • आर्द्रभूमि वे क्षेत्र हैं जहाँ भरपूर नमी पाई जाती है और इसके कई लाभ भी हैं,आर्द्रभूमि जल को प्रदूषण से मुक्त बनाती है।
  • आर्द्रभूमि वह क्षेत्र है जो वर्ष भर आंशिक रूप से या पूर्णतः जल से भरा रहता है।
  • भारत में आर्द्रभूमि ठंडे और शुष्क इलाकों से लेकर मध्य भारत के कटिबंधीय मानसूनी इलाकों और दक्षिण के नमी वाले इलाकों तक फैली हुई है।
  • आर्द्रभूमि की महत्त्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने हेतु प्रतिवर्ष 02 फरवरी को विश्व आर्द्रभूमि दिवस का आयोजन किया जाता है।
  • 02 फरवरी को वर्ष 1971 में ईरान के शहर रामसर में कैस्पियन सागर के तट पर ‘कन्वेंशन ऑन वेटलैंड ऑफ इंटरनेशनल इंपोर्टेंस’ (रामसर कन्वेंशन) पर हस्ताक्षर किये गए थे।
  • विश्व आर्द्रभूमि दिवस का आयोजन पहली बार 02 फरवरी, 1997 को रामसर सम्मेलन के 16 वर्ष पूरे होने के अवसर पर किया गया था।
  • विश्व आर्द्रभूमि दिवस आम लोगों को प्रकृति के लिये आर्द्रभूमि के महत्त्व को पहचानने का अवसर प्रदान करता है।
  • वर्ष 2022 के लिये इस दिवस की थीम है- ‘वेटलैंड एक्शन फॉर पीपल्स एंड नेचर’
  • वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम थी- ‘आर्द्रभूमि और जल’
  • वर्ष 2020 के लिये इस दिवस की थीम थी- ‘आर्द्रभूमि और जैव विविधता’

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