वनोन्मूलन (DEFORESTATION)

  • वनोन्मूलन एक व्यापक अर्थ वाला शब्द है जिनके अन्तर्गत पेड़ों की कटाई, जिसमें बार बार की जाने वाली काट-छांट, पेड़ों का गिरना, जंगल के कूड़े-कर्कट की सफाई, मवेशियों का चरना, जंगल में घूमना और नये पौधों के साथ छेड़छाड़ करना सब कुछ सम्मिलित है।
  • इसको ऐसे भी परिभाषित किया जा सकता है कि जंगलों की हरियाली को इस हद तक हानि पहुंचाना कि उसका प्राकृतिक सौन्दर्य, फल-फूल आदि विकसित न हो सकें।
  • वनोन्मूलन वृक्षों के आवरण के नष्ट होने को संदर्भित करता है।
  • एक ऐसी भूमि जिसे जंगल के स्थान पर खेती, चारागाह, रेगिस्तान और मनुष्य के आवास के लिये परिवर्तित कर दिया हो।
  • उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में वनोन्मूलन, बाढ़ जैसी आपदा की वार्षिक वृद्धि में, प्रमुख कारण है।
  • भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश धीरे धीरे अपने वन्यावरण को खोता जा रहा है क्योंकि खेती के लिए, चारागाहों के लिए और चाय, कॉफी की फसलों को उगाने के लिए जंगलों को काटा जा रहा है।
  • भारत के सामने वनोन्मूलन एक गम्भीर और पर्यावरण सम्बन्धी बड़ी समस्या है।
  • स्वतंत्रता के कुछ ही समय के बाद सड़कों, नहरों और बस्तियों के लिए बड़े पैमाने पर वन्य-क्षेत्रों को काटा गया। वन्य संपदा के दोहन में वृद्धि हुई।
  • 1950 में भारत सरकार ने प्रतिवर्ष वृक्षारोपण का उत्सव मनाना प्रारम्भ किया जिसे ‘वनमहोत्सव‘ का नाम दिया गया। गुजरात राज्य में यह सर्वप्रथम प्रारम्भ हुआ।
  • 1970 से भारतीय वनों और वन्य प्राणियों के संरक्षण को अधिक प्रोत्साहन मिला।
  • भारत विश्व के उन देशों में से एक है जिन्होंने ‘सामाजिक वनविज्ञान’ कार्यक्रम का निरूपण किया जिसमें सड़क के किनारों पर नहरों और रेल पटरियों के किनारों पर साधारण-वन क्षेत्रों में वृक्षारोपण किया।

वनोन्मूलन के कारण

  • बनोन्मूलन का सबसे सामान्य कारण जलाने के लिये इमारती लकड़ी के लिए और कागज के लिये लकड़ी काटना है।
  • दूसरा मुख्य कारण है खेती के लिये भूमि की आवश्यकता इसमें फसलों और चारागाह ही जरूरत भी निहित हैं।

वनोन्मूलन के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • कृषि
  • स्थानांतरीय जुताई
  • जलावन लकड़ी की मांग
  • उद्योगों और व्यावसायिक उद्देश्य के लिये लकड़ी की मांग
  • शहरीकरण और विकास संबंधी परियोजना
  • अन्य कारण

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