जलदूत एप्प

जलदूत एप्लिकेशन को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के द्वारा विकसित किया गया है।

इस एप्प का उपयोग देश भर के गाँवों के चयनित कुओं के जल स्तर को मापने में किया जा सकता है।

ग्राम रोज़गार सहायक जलदूत एप के माध्यम से वर्ष में दो बार- मॉनसून से पहले और बाद में चयनित कुओँ के जलस्तर का मापन करेंगे।

27 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में इस एप्लीकेशन की शुरुआत की गई।

यह एप्प भू-जल स्तर पर डेटा के केंद्रीय डिजिटल डेटाबेस में संग्रहीत करने में सक्षम बनाता है।

इस एप्प के आँकड़ों से सरकार को बेहतर कार्य योजना बनाने में मदद मिलेगी।

इस डेटा का उपयोग ग्राम पंचायत विकास योजना और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के कार्यान्वयन के लिए किया जा सकता है।

जलदूत (पानी के स्तर को मापने में शामिल अधिकारी) माप के हर अवसर पर एप्प के माध्यम से जियो-टैग की गई तस्वीर अपलोड करेंगे।

कार्यप्रणाली

यह एप्प ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में काम करेगा।

ऑफलाइन मोड में जलदूत इंटरनेट कनेक्शन के बिना भी जल स्तर कैप्चर करने में सक्षम होगा और कैप्चर की गई तारीख को मोबाइल में संग्रहीत किया जाएगा।

एप्प के ऑनलाइन होने पर डेटा अपलोड किया जाएगा और सेंट्रल सर्वर के साथ सिंक्रोनाइज़ किया जाएगा।

इस एप्लिकेशन में डेटा राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (NWIC) में संग्रहीत किया जाएगा, जो व्यापक मूल्यांकन और विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न रिपोर्ट बनाने में मदद करेगा।

राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र (National Water Informatics Centre)

राष्ट्रीय जल सूचना विज्ञान केंद्र केंद्रीय रिपॉजिटरी है जो पूरे भारत में जल संसाधन की उपलब्धता के संबंध में डेटा संग्रहीत करता है।

इसकी स्थापना 2018 में की गई थी जो जल शक्ति मंत्रालय के जल संसाधन विभाग के तत्वावधान में आता है।

यह केंद्रीय भंडार भारत में जल संसाधनों के डेटा-आधारित सतत विकास और प्रबंधन को सक्षम बनाता है।

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