ओपन स्काई संधि (Open Skies Treaty-OST)
- पहली बार जुलाई 1955 में अमेरिकी राष्ट्रपति डी आइजनहावर ने प्रस्ताव दिया था कि अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ एक दूसरे के क्षेत्र में हवाई टोही उड़ानों की अनुमति दें।
- मास्को ने पहले इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था।
- मई 1989 में अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज एच डब्ल्यू बुश ने फिर से यह प्रस्ताव दिया ।
- इस संधि पर मार्च 1992 में फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में हस्ताक्षर किये गए थे।
- यह संधि वर्ष 2002 में पूर्णरूप से लागू हुई थी।
- वर्तमान में इस संधि में 34 सदस्य हैं।
- ओपन स्काई संधि को वैश्विक सुरक्षा के एक महत्त्वपूर्ण स्तम्भ के रूप में देखा जाता है।
- यह संधि सदस्य देशों को एक-दूसरे की सीमा में गैर-हथियारबंद विमानों के माध्यम सैन्य ठिकानों की निगरानी की सुविधा प्रदान करती है।
- यह संधि सदस्य देशों के बीच पारदर्शिता, परस्पर विश्वास और पूर्वानुमान की स्थिति बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण रही है।
- किर्गिस्तान ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए थे परंतु इसे पूर्ण रूप से लागू नहीं किया है।
- भारत इस संधि का हिस्सा नहीं है।
संधि के प्रमुख उपबंध
- इस संधि के तहत, सभी सदस्य देश हवाई निगरानी के माध्यम से एक-दूसरे की सेनाओं का निरीक्षण कर सकते हैं।
- इस संधि में एक देश दूसरे देश में गैर-लड़ाकू विमानों के माध्यम से अवलोकन उड़ानों का संचालन कर सकता है और पूर्वनिर्धारित संकल्प के अनुसार तस्वीरे ले सकता है।
- यह संधि सभी हस्ताक्षरकर्ताओं को दूसरों देशों द्वारा विमानों के माध्यम से अवलोकन के दौरान ली गई तस्वीरों की सभी प्रतियों की प्राप्ति का अनुरोध करने की भी अनुमति देती है।
- साथ ही इस संधि में यह भी प्रावधान है कि सदस्य देश वार्षिक रूप से यह निर्धारिक करें कि किस सदस्य को कितनी उड़ानों और कौन से विमान से निगरानी करने की अनुमति होगी।
- संधि के कार्यान्वयन की देखरेख करने के लिए एक समिति भी बनाई गयी है। यह समिति वियना स्थिति सुरक्षा और सहयोग संगठन (OSCE) के मुख्यालय में हर महीने बैठक करती है।