मारबर्ग वायरस रोग

  • ‘मारबर्ग वायरस’ रोग एक अत्यधिक विषाणुजनित रोग है
  • मारबर्ग वायरस रोग एक संक्रामक रक्तस्रावी बुखार है।
  • यह इबोला वायरस के परिवार से संबंधित है। 
  • यह वायरस चमगादड़ों के माध्यम से लोगों में फैलता है।
  • यदि असंक्रमित व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति या सतहों के शारीरिक द्रव्यों के सीधे संपर्क में आता है, तो लोगों से लोगों में संचरण होता है। 
  • मारबर्ग वायरस की ऊष्मायन अवधि 2-21 दिनों की होती है। 
  • यह रोग संभावित रूप से बहुत हानिकारक और घातक है। 

लक्षण

  • सिरदर्द, उल्टी में रक्त आना, मांसपेशियों में दर्द और विभिन्न छिद्रों से रक्तस्राव।
  • इसके लक्षण तीव्र गति से गंभीर रूप ले सकते हैं और इससे पीलिया, अग्न्याशय की सूजन, तीव्र वज़न हास्र, लीवर की विफलता, बड़े पैमाने पर रक्तस्राव तथा बहु-अंग रोग आदि हो सकते हैं।

रोग का उपचार

  • मारबर्ग के लिए अभी तक कोई इलाज या टीका विकसित नहीं किया गया है। 
  • मरीजों को मौखिक या अंतःस्रावी तरल पदार्थ के साथ पुनर्जलीकरण के माध्यम से इलाज किया जाता है।

रोग से प्रकोपि क्षेत्र

  • अंगोला, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, युगांडा, गिनी,घाना के दक्षिणी क्षेत्र,केन्या और दक्षिण अफ्रीका में ।

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