उत्तर भारत का पहला न्यूक्लियर पॉवर प्लांट हरियाणा के गोरखपुर गांव में तैयार किया जा रहा है| इस प्रोजेक्ट के लिए कुल 20,594 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है, जिनमे से ₹4,906 करोड़ अब तक खर्च किये जा चुके है| 

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा कि भारत के न्यूक्लियर पॉवर प्लांट जो अभी तक तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश जैसे ज्यादातर दक्षिणी राज्यों और पश्चिम में महाराष्ट्र तक सिमित थे, अब उनका विस्तार देश के उत्तरी क्षेत्रों में भी देखा जायेगा|

गोरखपुर-न्यूक्लियर पॉवर प्लांट

यह प्रोजेक्ट नई दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी से लगभग 150 किमी उत्तर में है    

इस न्यूक्लियर पॉवर प्लांट के फायर वाटर पम्प हाउस (FWPH), शेफ्टी रिलेटेड पम्प हाउस (SRPH), वेंटिलेशन स्टैक, ओवरहेड टैंक आदि के निर्माण का कार्य प्रगति पर है|

परमाणु ऊर्जा विभाग के अनुसार, गोरखपुर हरियाणा अनु विद्युत प्रोजेक्ट (GHAVP) के तहत 700 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट्स हैं, जिनमें से प्रत्येक में प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर (PHWR) स्वदेशी डिजाइन है|

इस प्रोजेक्ट का निर्माण हरियाणा में फतेहाबाद जिले के गोरखपुर गांव के पास किया जा रहा है|      

टर्बाइन बिल्डिंग-1 और 2, 220 KV स्विचयार्ड और आईडीसीटी-1ए (IDCT-1A) में भूमि सुधार का काम पूरा कर लिया गया है|

इस प्रोजेक्ट के लिए प्राइमरी कूलेंट पंप,रिएक्टर हेडर्स, कैलेंड्रिया रिफ्यूलिंग मशीन हेड्स, मॉडरेटर और अन्य D20 हीट एक्सचेंजर्स आदि के खरीद के आदेश पहले ही दिए जा चुके है| 

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