राष्‍ट्रीय एपिलेप्सी दिवस

  • एपिलेप्सी (मिर्गी) के संबंध में जागरूकता पैदा करने हेतु प्रतिवर्ष 17 नवंबर को ‘राष्‍ट्रीय एपिलेप्सी दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
  • यह दिवस आम लोगों को शिक्षित करने और रोग, इसके लक्षणों एवं उपचार के बारे में अधिक समझने का अवसर प्रदान करता है।
  • एपिलेप्सी (मिर्गी) एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र संबंधी विकार है, इसमें मस्तिष्क की गतिविधि असामान्य हो जाती है, जिससे दौरे या असामान्य व्यवहार, संवेदनाएँ और कभी-कभी अभिज्ञता संबंधी हानि होती है।
  • एपिलेप्सी चौथा सबसे सामान्य न्यूरोलॉजिकल विकार है जो सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है।
  • कोई भी व्यक्ति एपिलेप्सी से ग्रसित हो सकता है, परंतु यह छोटे बच्चों और वयस्कों तथा महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक देखा जाता है।
  • स्वाद, गंध, दृष्टि, श्रवण या स्पर्श में परिवर्तन आना, चक्कर आना, अंगों में सिहरन उत्पन्न होना, एकटक घूरना, एक ही कार्य को बार-बार करना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं।
  • एपिलेप्सी का कोई उपचार नहीं है, लेकिन इस विकार को दवाओं और अन्य रणनीतियों के साथ प्रबंधित किया जा सकता है।
  • दुनिया भर में लगभग 50 मिलियन लोग एपिलेप्सी से ग्रसित हैं, जो इसे विश्व स्तर पर सबसे आम न्यूरोलॉजिकल रोगों में से एक बनाता है।

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