पुष्कर मेला

  • पुष्कर मेला का आयोजन पूर्वी राजस्थान के छोटे शहर पुष्कर में किया जाता है।
  • पुष्कर मेला सबसे लोकप्रिय और रंगीन मेलों में से एक है।
  • पुष्कर एक छोटा शहर है लेकिन यहाँ कई मंदिर हैं।
  • पुष्कर में श्रृष्टि के निर्माता भगवान ब्रह्मा को समर्पित एकमात्र मंदिर है।
  • यह अजमेर से 13 किमी दूर एक छोटी और खूबसूरत झील के किनारे स्थित है।
  • मेला कार्तिक शुक्ल एकादशी से शुरू होता है और कार्तिक पूर्णिमा तक पांच दिनों तक चलता है।
  • मेले का समय अक्टूबर-नवंबर के महीनों के दौरान होता है।
  • पुष्कर मेला दुनिया के सबसे बड़े मेलों में से एक है।
  • पुष्कर के ऊँट मेले की शुरुआत पवित्र कार्तिक पूर्णिमा त्योहार के दौरान स्थानीय ऊँट और मवेशी व्यापारियों को आकर्षित करने के उद्देश्य से की गई थी।
  • ऊंट, घोड़े और गधे की दौड़ मेले की विशेष घटनाएं हैं।
  • मेले में अजमेर और जोधपुर में मुद्रित वस्त्र, नागौर के मोतियों के हार, मेड़ता के ऊनी कंबल, जोधपुर और जयपुर के पीतल के बर्तन, काठी, रस्सियाँ और कई अन्य घरेलू सामान होते हैं।
  • मेले को जीवंत बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाता है और फिल्में दिखाई जाती हैं।
  • ऊंट मेला और पशु मेले का केंद्र होने के कारण, पुष्कर मेला में मवेशियों और अन्य पशुओं का व्यापार होता है।
  • पुष्कर मेले में ऊंटों को बड़ी ही सावधानी से सजाया जाता है।
  • इस उत्‍सव के दौरान, लाखों श्रद्धालु पुष्‍कर में पधारते हैं और पवित्र पुष्‍कर झील में पावन डुबकी लगाते हैं।
  • पुष्कर झील राजस्थान की सबसे प्राचीन तथा  प्राकृतिक झील है।
  • पुष्कर झील राजस्थान की सबसे पवित्र झील मानी जाती है।
  • पुष्कर सरोवर के चारों तरफ कुल 52 घाट बने हुए हैं।

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