भारत में वीरता पुरस्कार

  • 15 अगस्त, 1947(स्वतंत्रता) के बाद भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को निम्नलिखित तीन वीरता पुरस्कार स्थापित किये गए थे।
  1. परम वीर चक्र
  2. महावीर चक्र
  3. वीर चक्र
  • वर्ष 1952 में ‘अशोक चक्र वर्ग-I’, ‘अशोक चक्र वर्ग-II’ और ‘अशोक चक्र वर्ग-III’ अन्य तीन वीरता पुरस्कार स्थापित किये गए।
  • जनवरी 1967 में इन पुरस्कारों का नाम बदलकर क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया।

पुरस्कार के लिये पात्रत्ता

  • थल सेना, नौसेना और वायु सेना या किसी भी आरक्षित बल, प्रादेशिक सेना तथा किसी अन्य कानूनी रूप से गठित सशस्त्र बलों के सभी रैंकों के सभी अधिकारी इन पुरस्कारों के लिये पात्र हैं।
  • उपर्युक्त कर्मियों के अतिरिक्त मैट्रॉन, नर्स, नर्सिंग सेवाओं के कर्मचारी और अस्पतालों एवं नर्सिंग सेवाओं से संबद्ध कर्मचारी, नियमित या अस्थायी भी इसके लिये पात्र हैं।

सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता पुरस्कार

  • परम वीर चक्र- यह भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है, जो युद्ध (चाहे वह जमीन पर हो, समुद्र में या हवा में) के दौरान वीरता के विशिष्ट कार्यों को प्रदर्शित करने के लिये दिया जाता है।
  • महावीर चक्र- यह ज़मीन पर, समुद्र में या हवा में दुश्मन की उपस्थिति में विशिष्ट वीरता के कार्यों के लिये दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है।
  • वीर चक्र- यह परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन वीरता पुरस्कार है।

सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार

अशोक चक्र

  • यह शांतिकाल के दौरान वीरता, साहसिक कार्रवाई या बलिदान के लिये सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार है।
  • यह शांतिकाल में विशिष्ट बहादुरी या किसी अन्य साहस या वीरता या आत्म-बलिदान से संबंधित कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है।

कीर्ति चक्र

  • यह दूसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है और शांति काल में साहसिक कार्रवाई करने या आत्म-बलिदान के लिये दिया जाता है।

शौर्य चक्र

  • यह असाधारण वीरता के लिये सशस्त्र बलों के कर्मियों को प्रदान किया जाता है।

अन्य पुरस्कार

  • सेना पदक- यह थलसेना में कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण या साहस के कार्यों के लिये दिया जाता है।
  • नौसेना पदक- यह नौसेना में कर्तव्य या साहस के प्रति असाधारण समर्पण के व्यक्तिगत कृत्यों के लिये दिया जाता है।
  • वायुसेना पदक- यह वायुसेना में कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण या साहस के व्यक्तिगत कृत्यों के लिये प्रदान किया जाता है।

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