राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day)
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस प्रतिवर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता है।
राष्ट्रीय दुग्ध दिवस ‘डॉ. वर्गीज कुरियन’ की जयंती के अवसर पर मनाया जाता है।
यह दिवस एक व्यक्ति के जीवन में दूध की आवश्यकता और महत्व को रेखांकित करता है।
इसका उद्देश्य दुग्ध से संबंधित लाभों को बढ़ावा देना तथा दूध एवं दुग्ध उत्पादों के महत्त्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करना।
01 जून को प्रतिवर्ष ‘विश्व दुग्ध दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. वर्गीज कुरियन (1921-2012)
‘डॉ. वर्गीज कुरियन’ को भारत के ‘मिल्क मैन’ संज्ञा दी गई है
उन्हें ‘भारत में श्वेत क्रांति के जनक’ के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने ‘ऑपरेशन फ्लड’ (Operation Flood) का नेतृत्व किया, जिसे दुनिया के सबसे बड़े कृषि कार्यक्रम के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने विभिन्न किसानों और श्रमिकों द्वारा चलाए जा रहे 30 संस्थानों की स्थापना की।
उन्होंने ‘अमूल ब्रांड’ के निर्माण और सफलता में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्ही के प्रयासों से भारत वर्ष 1998 में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक बन गया था।
उन्होंने ‘दिल्ली दूध योजना’(DMS) के प्रबंधन में भी मदद की और कीमतों में सुधार किया।
उन्हें ‘रेमन मैग्सेसे पुरस्कार’ (1963), ‘कृषि रत्न’ (1986) और ‘विश्व खाद्य पुरस्कार’ (1989) सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
वह भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार- पद्मश्री (1965), पद्मभूषण (1966) और पद्मविभूषण (1999) के प्राप्तकर्त्ता भी हैं।