भारतीय संविधान में प्रारूप के अनुसार भारत को राज्यों का संघ कहा जाता है,वर्तमान समय में भारत में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं |राज्य का शासन उस राज्य की जनता द्वारा चुने गए मुख्यमंत्री के द्वारा किया जाता है |जबकि एक केंद्र शासित प्रदेश का शासन उस राज्य में केंद्र द्वारा नियुक्त प्रशासक या उपराज्यपाल के द्वारा किया जाता है |अंडमान और निकोबार द्वीप , दिल्ली और पुदुचेरी का शासन उपराज्यपाल के द्वारा किया जाता है.जबकि अन्य चार केंद्र शासित प्रदेशों का शासन प्रशासकों द्वारा किया जाता है.

क्या होता है केंद्र शासित प्रदेश ?

भारत में केंद्र शासित प्रदेश से तात्पर्य उन प्रदेशो से है जिनको कुछ विशेष परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यो में ना मिलाकर सीधा केंद्रीय सरकार द्वारा चलाया जाता है ।

क्या कारण है केंद्र शासित प्रदेश बनाने का ?

केंद्र शासित प्रदेश बनाने के पीछे कई कारण हैं संक्षिप्त में देखें तो –

  • कम जनसँख्या और छोटा आकार – दिल्ली को छोडकर बाकी सभी केंद्र शासित प्रदेशों में आबादी बहुत कम है |
  • अलग संस्कृति – भारत के कुछ राज्यों में विदेशी शासकों का शासन रहा है इस कारण वहां की संस्कृति पर अभी भी इन शासकों की संस्कृति के निशान बाकी हैं. इसके सबसे बड़े उदाहरणों में दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव (पुर्तगाली) और पुदुचेरी (फ्रेंच) को लिया जा सकता है. पुदुचेरी के कुछ भाग तो फ्रेंच संस्कृति से इतने मिलते जुलते हैं
  • प्रशासनिक महत्व – चंडीगढ़ पहले पंजाब का एक हिस्सा था. बाद में शाह आयोग की रिपोर्ट के बाद पंजाब को विभाजित किया गया और 1 नवम्बर 1966 को हरियाणा राज्य अस्तित्व में आया लेकिन चंडीगढ़ के प्रशासनिक महत्व के कारण कोई भी राज्य इसे छोड़ने को तैयार नही था जिसके कारण चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी बनाया गया था
  • सामरिक महत्त्व का स्थान – लक्षद्वीप और अंडमान और निकोबार द्वीप हमारे देश के बहुत दूर पश्चिम और पूर्व छोर पर स्थित हैं इस कारण वे मुख्य भूमि से काफी दूर हैं इसलिए केंद्र सरकार के जरिये उन्हें सीधे नियंत्रित करना आसान है क्योंकि वे भारत के लिए रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में भारत सरकार सीधे वहां कार्यवाही कर सकती है
  • अन्य राज्यों से अधिक दूरी – दिल्ली, चंडीगढ़ और पुदुचेरी जैसे केंद्र शासित राज्यों के अलावा सभी केंद्र शासित प्रदेश अन्य राज्यों से बहुत दूर स्थित हैं; इस कारण इनके अन्य राज्यों के साथ बहुत घनिष्ठ आर्थिक और सामाजिक सम्बन्ध नही बन सकते हैं

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • दिल्ली के पास अपना उच्च न्यायालय, मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद होने के कारण इसे 1991 में अर्द्ध-राज्य का दर्जा दिया गया था |
  • दमन और दीव पर पुर्तगीज का शासन था लेकिन सन 1961 में भारतीय सेना द्वारा इस पर बलपूर्वक कब्जा कर लिया गया और गोवा के साथ इसे भी केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था लेकिन गोवा को 1987 में पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया था |
  • दादरा और नगर हवेली पर 1779 तक मराठाओं का और फिर 1954 तक पुर्तगाली साम्राज्य का शासन था | इस प्रदेश को भारत में 11 अगस्त 1961 में शामिल किया गया था |

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