राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग संविधान के अनुच्छेद 338 द्वारा स्थापित एक संवैधानिक निकाय है।
- जिसको 89 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2003 द्वारा अनुसूचित जाति एव जनजाति हेतु गठित दो अलग अलग राष्ट्रीय आयोग में वर्ष 2004 में विभाजित कर दिया गया।
- वर्तमान में संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग का और अनुच्छेद -338क के तहत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन किया गया है।
- NCSC एक संवैधानिक निकाय है जो भारत में अनुसूचित जातियों (SC) के हितों की रक्षा हेतु कार्य करता है।
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की संरचना :
- अध्यक्ष।
- उपाध्यक्ष।
- तीन अन्य सदस्य
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति के आदेश द्वारा की जाती हैl
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के कार्य
- अनुसूचित जातियों के संवैधानिक संरक्षण से संबंधित सभी मामलों का अधीक्षण व निरीक्षण करना तथा उनके क्रियान्वयन की समीक्षा करना।
- अनुसूचित जातियों से संबंधित सभी मामलों की जांच पड़ताल एवं सुनवाई करना।
- अनुसूचित जातियों के संबंध में उठाए गए कदमो एवं किए जा रहे कार्यों के बारे में राष्ट्रपति को प्रतिवर्ष प्रतिवेदन प्रस्तुत करना।
- अनुसूचित जातियों से संबंधित सामाजिक-आर्थिक विकास योजनाओं पर केंद्र या राज्य सरकारों को सलाह देना।
- अनुसूचित जातियों के सामाजिक-आर्थिक विकास और संवैधानिक संरक्षण से संबंधित कार्यों को संपन्न करना।