परिचय

रामानुजन का जन्म 22 दिसंबर, 1887 को इरोड गाँव (चेन्नई) में हुआ था।

ब्रिटिश गणितज्ञ गॉडफ्रे एच. हार्डी के संपर्क में आने के बाद वे वर्ष 1913 में ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज़ चले गए।

रामानुजन ने संख्याओं के विश्लेषणात्मक सिद्धांत में योगदान दिया और दीर्घवृत्तीय कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित किया।

पूर्ण संख्या, हाइपरज्यामितीय श्रेणी और यूलर स्थिरांक के विभाजन पर भी योगदान दिया।

उनके पत्र अंग्रेज़ी और यूरोपीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए थे तथा वर्ष 1918 में लंदन की रॉयल सोसाइटी के लिये उनका चयन हुआ।

भारत लौटने के बाद लंबी बीमारी के कारण 26 अप्रैल, 1920 को मात्र 32 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया।

महान गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन की जयंती को राष्ट्रीय गणित दिवस(22 दिसंबर) के रूप में मनाया जाता है।

वर्ष 1976 में जॉर्ज एंड्रयूज ने ट्रिनिटी कॉलेज की लाइब्रेरी में रामानुजन की एक नोटबुक की खोज की थी। बाद में इस नोटबुक को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया गया था।

‘द मैन हू न्यू इनफिनिटी'(2016) भारतीय गणितज्ञ एस. रामानुजन (1887-1920) की जीवनी पर आधारित फिल्म है, इन्हें गणितीय विश्लेषण के क्षेत्र में अपार योगदान के लिये जाना जाता है।

वह रॉयल सोसाइटी के फैलो थे।

योगदान

सूत्र और समीकरण

रामानुजन ने अपने 32 वर्ष के अल्प जीवनकाल में लगभग 3,900 परिणामों (समीकरणों और सर्वसमिकाओं) का संकलन किया है।

उनके सबसे महत्त्वपूर्ण कार्यों में पाई (Pi) की अनंत श्रेणी शामिल थी।

उन्होंने पाई के अंकों की गणना करने के लिये कई सूत्र प्रदान किये जो परंपरागत तरीकों से अलग थे।

खेल सिद्धांत

गणितीय समस्याओं को हल करने के लिये खेल सिद्धांत के विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

रामानुजन नंबर

1729 को रामानुजन संख्या माना जाता है।

यह ऐसी सबसे छोटी संख्या है, जिसको दो अलग-अलग तरीके से दो घनों के योग के रूप में लिखा जा सकता है।

1729, 10 और 9 के घनों का योग है- 10 का घन (1000) और 9 का घन (729) है और इन दोनों को जोड़ने से हमें 1729 प्राप्त होता है।

1729, 12 और 1 के घनों का योग भी है- 12 का घन (1728) और 1 का घन (1) है तथा इन दोनों को जोड़ने से हमें 1729 प्राप्त होता है।

सस्त्र रामानुजन पुरस्कार

यह पुरस्कार वर्ष 2005 में शनमुघा कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान अकादमी (सस्त्र) द्वारा स्थापित किया गया था।

गणित के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 32 वर्ष और उससे कम आयु के व्यक्तियों को इस पुरस्कार के तहत 10,000 अमेरिकी डॉलर की नकद राशि प्रदान की जाती है।

वर्ष 2022 के लिये सस्त्र रामानुजन पुरस्कार यूंकिंग तांग, सहायक प्रोफेसर कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले, संयुक्त राज्य अमेरिका को दिया जाएगा।

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