प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना( PMKSY)
- यह सिंचाई योजना वर्ष 2015 में शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना(कोर योजना) है।
- इस योजना के अंतर्गत केंद्र-राज्य की हिस्सेदारी 75:25 प्रतिशत में होगी।
- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र और पहाड़ी राज्यों के मामले में यह अनुपात 90:10 रहेगा।
- इससे ढाई लाख अनुसूचित जाति और दो लाख अनुसूचित जनजाति के किसानों सहित लगभग 22 लाख किसानों को लाभ होगा।
- जल शक्ति मंत्रालय ने वर्ष 2020 में PMKSY के तहत परियोजनाओं के घटकों की जियो-टैगिंग हेतु एक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया।
इस योजना के तीन मुख्य घटक हैं-
त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP)
- वर्ष 1996 में AIBP को राज्यों की संसाधन क्षमताओं से अधिक सिंचाई परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
हर खेत को पानी (HKKP)
- हर खेत को पानी (HKKP) का उद्देश्य लघु सिंचाई के माध्यम से नए जल स्रोत निर्मित करना है।
- जल निकायों की मरम्मत, बहाली और नवीनीकरण, पारंपरिक जल स्रोतों की वहन क्षमता को मज़बूत करना, वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण।
- इसके उप घटकों में शामिल हैं-कमान क्षेत्र विकास (CAD), भूतल लघु सिंचाई (SMI), जल निकायों की मरम्मत, नवीनीकरण और बहाली (RRR), भूजल विकास।
वाटरशेड डेवलपमेंट
- वाटरशेड डेवलपमेंट में अपवाह जल का प्रभावी प्रबंधन और मिट्टी और नमी संरक्षण गतिविधियों में सुधार जैसे कि रिज क्षेत्र उपचार, ड्रेनेज़ लाइन 5 ट्रीटमेंट, वर्षा जल संचयन, इन-सीटू नमी संरक्षण और वाटरशेड के आधार पर अन्य संबद्ध गतिविधियाँ शामिल हैं।