लिथियम
- लिथियम एक रासायनिक तत्व है।
- साधारण परिस्थितियों में यह प्रकृति की सबसे हल्की धातु और सबसे कम घनत्व-वाला ठोस पदार्थ है।
- रासायनिक दृष्टि से यह क्षार धातु समूह का सदस्य है और अन्य क्षार धातुओं की तरह अत्यंत अभिक्रियाशील है, यानि अन्य पदार्थों के साथ तेज़ी से रासायनिक अभिक्रिया कर लेता है।
- उभरती वैश्विक लिथियम मांग और बढ़ती कीमतों ने तथाकथित ‘लिथियम ट्रायंगल’ जिसमें अर्जेंटीना, बोलीविया और चिली के कुछ हिस्से के प्रति रुचि बढ़ा दी है।
- लिथियम नया ‘सफेद सोना’ (White Gold) बन गया है क्योंकि उच्च-क्षमता वाली रिचार्जेबल बैटरी में उपयोग के कारण इसकी मांग बढ़ रही है।
लिथियम के गुण
- यह एक रासायनिक तत्त्व है जिसका प्रतीक (Li) है।
- यह एक नरम तथा चाँदी के समान सफेद धातु है।
- मानक परिस्थितियों में यह सबसे हल्की धातु और सबसे हल्का ठोस तत्त्व है।
- यह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील और ज्वलनशील है, अत: इसे खनिज तेल के रूप में संग्रहीत किया जाना चाहिये।
- यह क्षारीय एवं एक दुर्लभ धातु है।
अनुप्रयोग
- लिथियम धातु का अनुप्रयोग उपयोगी मिश्रित धातुओं को बनाने में किया जाता है।
उदाहरण के लिये मोटर इंज़नों में सफेद धातु की बियरिंग बनाने में, एल्युमीनियम के साथ विमान के पुर्जे बनाने तथा मैग्नीशियम के साथ आर्मपिट प्लेट बनाने में।
- थर्मोन्यूक्लियर अभिक्रियाओं में।
- विद्युत-रासायनिक सेल के निर्माण में, बिजली के वाहन, लैपटॉप आदि के निर्माण में लिथियम एक महत्त्वपूर्ण घटक है।
सर्वाधिक भंडार वाले देश
चिली> ऑस्ट्रेलिया> अर्जेंटीना
भारत में लिथियम
- परमाणु खनिज निदेशालय (भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग के तहत) के शोधकर्त्ताओं ने हालिया सर्वेक्षणों से दक्षिणी कर्नाटक के मांड्या ज़िले में भूमि के एक छोटे से हिस्से में 14,100 टन के लिथियम भंडार की उपस्थिति का अनुमान लगाया है।
- साथ ही भारत की पहली लीथियम भंडार साइट भी मिली।
सरकारी पहल
- भारत ने सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी ‘खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड’ के माध्यम से अर्जेंटीना, जहाँ विश्व में धातु का तीसरा सबसे बड़ा भंडार मौजूद है, में संयुक्त रूप से लिथियम की खोज करने के लिये अर्जेंटीना की एक कंपनी के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- खनिज बिदेश इंडिया लिमिटेड का प्राथमिक कार्य विदेशों में विशिष्ट खनिज संपदा जैसे- लिथियम और कोबाल्ट आदि का अन्वेषण करना है।